फ्रांस: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने गुरुवार को अपने कैबिनेट में फेरबदल किया है। शिक्षा, आवास और शहरी मामलों जैसे प्रमुख घरेलू विभागों में उन्होंने बदलाव किया है। कहा जा रहा है कि बदलाव ऐसे समय में किया है, जब सरकार को हर तरफ से विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
बता दें, सबसे बड़ा बदलाव शिक्षा मंत्रालय में हुआ है। यहां ब्लैक स्टडीज विश्वविद्यालय के विद्वान पैप एनडियाये को हटाकर 34 वर्षीय बजट मंत्री गैब्रियल अटल को नियुक्त किया गया है। एनडियाये दक्षिणपंथी और रूढ़िवादियों की आलोचना के शिकार हुए थे।
मैक्रों के दूसरा कार्यकाल संकटों से घिरा
बता दें, यह फेरबदल राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के दूसरे कार्यकाल में हुआ है, जो आंतरिक संकटों का सामना कर रहा है। इसमें पेंशन सुधारों को लेकर महीनों से चल रहे प्रदर्शन और ट्रैफिक जांच के दौरान एक किशोर की पुलिस की गोली लगने से हुई मौत के बाद पांच दिनों तक भड़के दंगे शामिल हैं।
इन लोगों को मिला ये कार्यभार..
राष्ट्रपति मैक्रों ने शहरी मामलों के मंत्रालय का पदभार उत्तरी अफ्रीकी मूल के कानूनविद् सबरीना एग्रेस्टी-रूबाचे को दिया है। वहीं, ऑरेलियन रूसेऊ को देश का स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया है। उन्होंने कोरोना महामारी के दौरान पेरिस क्षेत्र में सार्वजनिक स्वास्थ्य प्राधिकरण चलाने के लिए प्रशंसा हासिल की थी। कैबिनेट के फेरबदल में वित्त मंत्री ब्रूनो ले मायेर, विदेश मंत्री कैथरीन कोलोना और आंतरिक मंत्री गेराल्ड डर्मैनिन का पदभार नहीं बदला गया है।
नए शिक्षा मंत्री से जुड़ी खास बातें
नए शिक्षा मंत्री समाजवादी (Education Minister Samajwadi) खेमे से हैं। वह फ्रांस के राष्ट्रपति के खास कहे जाने लगे हैं। अटल ने सरकारी प्रवक्ता के रूप में शुरुआत करते हुए लगातार राजनीतिक सीढ़ी चढ़ी है। जब उन्हें पांच साल पहले पहली बार सरकार में नियुक्त किया गया था, तो वह पांचवें गणतंत्र के इतिहास में सबसे कम उम्र के मंत्री बने थे। अटल कुछ मायनों में एनडियाये के बिल्कुल उल्ट हैं। उन्हें एक समझदार, सहज राजनीतिक संचालक के रूप में जाना जाता है। उनका अधिकांश वयस्क जीवन राजनीति में बीता है।
संसद में विरोध का करना पड़ सकता है सामना
सरकार के लिए अपना बजट पेश करेगी। कयास लगाए जा रहे हैं कि उसे संसद में कड़े विरोध का सामना करना पड़ सकता है। यहां उसका गठबंधन अल्पमत में है। मैक्रों की सरकार नेशनल असेंबली में कई अविश्वास प्रस्तावों से बच गई है, लेकिन आने वाले महीनों में उसे और भी अविश्वास प्रस्तावों का सामना करना पड़ सकता है। बुधवार देर रात अपने सांसदों के साथ बातचीत में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा था कि सरकार को देश में हो रहे दंगों पर बिना किसी सोचे-समझे प्रतिक्रिया देने से बचना चाहिए और नई नीति का मसौदा तैयार करने से पहले गहराई से देखना चाहिए।