फ्रांस की पुलिस ने धोखाधड़ी और ठगी के मामले में 11 पाकिस्तानी को किया गिरफ्तार
फ्रांस की पुलिस ने धोखाधड़ी और ठगी के मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया है
फ्रांस की पुलिस ने धोखाधड़ी और ठगी के मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया है (Pakistanis Network in France). ये सभी पाकिस्तानी बताए जा रहे हैं. इन सभी पर जाली दस्तावेजों और मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) के साथ-साथ बैंक धोखाधड़ी का आरोप लगा है. जर्मनी की समाचार वेबसाइट डीडब्ल्यू न्यूज के अनुसार, फ्रांसीसी पुलिस ने सभी को राजधानी पेरिस (Paris) के आसपास के इलाकों से पकड़ा है. पुलिस के अनुसार, इन लोगों के खिलाफ 2020 से जांच शुरू की गई थी. और जांच शुरू होने के एक साल से अधिक वक्त बाद सभी को गिरफ्तार किया गया.
11 पाकिस्तानियों के इस ग्रुप पर जाली दस्तावेज बनाने, जाली दस्तावेज के बलबूते जाली कंपनियां बनाने, धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग करने और बैंक के साथ धोखाधड़ी जैसे आरोप हैं (Pakistanis Arrest in France). अब इन सभी को जेल भेज दिया गया है. पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि सभी पाकिस्तानियों ने जाली दस्तावेज के जरिए 180 बैंक अकाउंट खोले. इनमें से अधिकतर बैंक अकाउंट को जाली कंपनियों के नाम पर बनाया गया था. इस नेटवर्क ने 2019 से 2021 तक गैर कानूनी तरीके से 41 मिलियन यूरो की मनी लॉन्ड्रिंग भी की है.
एक मिलियन यूरो की रकम जब्त
डीडब्ल्यू न्यूज के अनुसार, पुलिस ने इन आरोपियों के पास से 287 जाली दस्तावेज जब्त किए हैं. इनका इस्तेमाल जाली कंपनी और जाली बैंक अकाउंट बनाने के लिए किया गया है. 40 बैंकों में पुलिस ने एक मिलियन यूरो की रकम भी जब्त कर ली है. वहीं गिरफ्तारी के वक्त इन लोगों से एक लाख 34 हजार यूरो की नकद रकम बरामद की गई. पुलिस इस नेटवर्क के लोगों के अलावा भी कुछ तहकीकात कर रही है. फ्रांस (France Pakistan) और यूरोपीय मीडिया ने इस खबर को कवर किया है. इससे पता चलता है कि पाकिस्तान आतंकवाद फैलाने के अलावा धोखाधड़ी के मामले में भी सबसे आगे है.
पाकिस्तानियों से परेशान हुआ फ्रांस
फ्रांस अपने यहां रहने वाले पाकिस्तानियों से खासा परेशान है. कभी ये लोग आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देते हैं, तो कभी इस तरह की धोखाधड़ी करते हैं. फ्रांस पाकिस्तानियों के कट्टरपंथ से बिलकुल अंजान नहीं है. 2020 में फ्रांस ने 25 साल के आतंकी जहीर हसन मेहमूद से जुड़े चार पाकिस्तानियों को गिरफ्तार किया था. मेहमूद ने चाकू से कुछ लोगों पर अचानक हमला कर दिया था. उसे शक था कि ये लोग चार्ली एब्दो नाम की पत्रिका के लिए काम करते हैं. वही पत्रिका जिसने पैगंबर का कार्टून प्रकाशित किया था. जिसका बदला लेने के लिए उसके दफ्तर पर 2015 में आतंकी हमला भी हुआ था.