माली में फ्रांस का एयरस्ट्राइक: आतंकियों का बना काल, सेना ने मिराज जेट और ड्रोन का किया इस्तेमाल
फ्रांस में पिछले दिनों हुए आतंकी हमलों के बाद पूरे यूरोप में हलचल जारी है. इस बीच फ्रांस ने आतंकी संगठन अलकायदा पर अपना कहर बरपाया है. फ्रांस की रक्षा मंत्री के मुताबिक, फ्रांसीसी सेना ने माली में एयरस्ट्राइक को अंजाम दिया है, जिसमें 50 आतंकियों को मौत के घाट उतारा गया है.
इसके अलावा करीब चार आतंकियों को जिंदा पकड़ा गया है. फ्रांस में पैगंबर मोहम्मद के कार्टून बनाए जाने को लेकर छिड़े विवाद के बाद कई शहरों में आतंकी हमले की घटनाएं हुई थीं. जिसके बाद फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने चेतावनी दी थी कि वो हिंसा का समर्थन नहीं करते हैं और ऐसा करने वालों को सबक सिखाया जाएगा.
फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली के मुताबिक, 30 अक्टूबर को फ्रांसीसी सेना ने माली में एयर स्ट्राइक की है, जिसमें पचास से अधिक आतंकी मारे गए हैं और काफी हथियारों को नुकसान पहुंचा है. इसके अलावा चार आतंकियों को जिंदा पकड़ा गया है. इस एयरस्ट्राइक की जानकारी फ्रांस द्वारा सोमवार को ही साझा की गई. जानकारी के मुताबिक, इन ठिकानों से एक्प्लोजिव, सुसाइड वेस्ट समेत अन्य सामान मिले हैं.
ड्रोन और मिराज का किया गया इस्तेमाल
फ्रांस की सेना ने ये एक्शन वेस्ट अफ्रीका के बुर्किना फासो और निगेर के बॉर्डर पर लिया है, जहां फ्रांसीसी सेना इस्लामिक आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ने में जुटी हुई है. फ्रांसीसी सेना ने यहां मिराज जेट, ड्रोन का सहारा लिया और तीस से अधिक मोटरसाइकिलों को बर्बाद कर दिया जिनपर आतंकी जा रहे थे.
फ्रांसीसी सरकार के मुताबिक, इन आतंकियों का अलकायदा से संबंध था. ये लोग ग्रुप ऑफ इस्लाम एंड मुस्लिम संगठन के लिए काम करते थे. जिस वक्त आतंकी मोटरसाइकिल पर एक झुंड में जा रहे थे, तब ड्रोन के जरिए फ्रांसीसी सेना ने उन्हें देखा और फिर अटैक किया.
कई हमलों का शिकार हुआ है फ्रांस
आपको बता दें कि फ्रांस में कुछ दिनों पहले एक कार्टून को लेकर विवाद हुआ था, जिसके बाद दो-तीन शहरों में आतंकी हमले हो चुके हैं. पेरिस और फिर नाइस में लोन वुल्फ आतंकी हमले हुए हैं, जिसमें कई लोगों की जान गई है. साथ ही चर्च के पादरी पर भी चाकू से हमला किया गया था.
इसके अलावा ऑस्ट्रिया में भी आतंकी हमला हुआ है, जिसके बाद यूरोप के कई देश सतर्कता बरत रहे हैं. कार्टून विवाद के कारण फ्रांस और मुस्लिम देशों में एक बहस छिड़ गई है.