कल के बाद से काबुल एयरपोर्ट से लोगों को बाहर नहीं निकालेगा फ्रांस, हमले का बढ़ा खतरा

लेकिन इस खतरे की सूचना वास्तव में विश्वसनीय है और जल्दी वास्तविकता में बदल सकती है.

Update: 2021-08-26 09:16 GMT

फ्रांसीसी प्रधानमंत्री (France's prime minister) ज्यां कास्ते (Jean Castex) ने कहा है कि उनका देश शुक्रवार रात के बाद से काबुल एयरपोर्ट (Kabul Airport) से लोगों को निकाल नहीं पाएगा. कास्ते ने गुरुवार को यह घोषणा ऐसे वक्त में की है जब अमेरिका (America) और पश्चिमी राष्ट्रों के सामने अफगानिस्तान (Afghanistan) से लोगों को निकालने की 31 अगस्त की समयसीमा है. अफगानिस्तान पर तालिबान (Taliban) के कब्जे के बाद हजारों लोग मुल्क छोड़ने की कोशिश में हैं और काबुल एयरपोर्ट के जरिए वे देश से निकलना चाह रहे हैं.

कास्ते ने फ्रांसीसी रेडियो 'आरटीएल' से कहा कि 31 अगस्त तक अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी की वजह से हम कल शाम के बाद से काबुल एयरपोर्ट से लोगों को निकाल नहीं पाएंगे. पिछले हफ्ते अभियान शुरू होने के बाद से फ्रांस ने अफगानिस्तान के दो हजार नागरिकों एवं सैकड़ों फ्रांसीसी लोगों को युद्धग्रस्त देश से निकाला है. वहीं, डेनमार्क के रक्षा मंत्री ने चेतावनी दी है कि काबुल के लिए या काबुल से बाहर के लिए उड़ान अब सुरक्षित नहीं है. ट्रिन ब्रैमसन ने बुधवार को डेनिश ब्रॉडकास्टर TV2 से बात करते हुए ये बताया. ब्रैमसेन ने कहा कि काबुल से आखिरी उड़ान में लगभग 90 लोग थे, जिनमें वो डेनिश सैनिक भी शामिल थे, जिन्हें राजनायकों को काबुल से बाहर निकालने में मदद के लिए भेजा गया था.
काबुल से लोगों को निकालने की समयसीमा करीब आने के बीच यूरोप की चेतावनी
यूरोपीय देशों ने अफगानिस्तान से हवाई मार्ग से लोगों को निकालने को लेकर घटते दिनों की गुरुवार चेतवानी दी. वहीं ब्रिटेन के एक अधिकारी ने आगाह किया है कि काबुल एयरपोर्ट पर जल्द हमला किया जा सकता है. अफगानिस्तान के इस्लामिक स्टेट (Islamic State) से जुड़े संभावित खतरे के बारे में पश्चिमी देशों की राजधानियों से नई चेतावनियां सामने आईं. तालिबान ने देशभर की जेलों से कैदियों को रिहा कर दिया जिसके बाद इस्लामिक स्टेट की ताकत बढ़ने की आशंका है.
काबुल एयरपोर्ट पर हमले की चेतावनी
ब्रिटेन के सशस्त्र बल मंत्री जेम्स हीप्पे ने गुरुवार को बीबीसी से कहा कि हवाई अड्डे पर आसन्न हमले की बहुत विश्वसनीय सूचना है. हीप्पे ने माना कि लोग किसी भी तरह से देश से निकलना चाह रहे हैं, और कतार में लगे कई लोग अपना भाग्य आजमाना चाहते हैं. लेकिन इस खतरे की सूचना वास्तव में विश्वसनीय है और जल्दी वास्तविकता में बदल सकती है.


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