फ्रांस ने अपने नागरिकों की हत्‍या का लिया बदला, एयरस्‍ट्राइक में IS आतंकवादी सौमना बौरा को किया ढेर

एयरस्‍ट्राइक में IS आतंकवादी सौमना बौरा को किया ढेर

Update: 2021-12-21 16:54 GMT
फ्रांस की सेना (French army) ने कहा है कि उसने वर्ष 2020 में नाइजर जिराफ पार्क (Niger giraffe park) में सात सहायता कर्मियों की हत्या में वांटेड इस्लामिक स्टेट (Islamic State) के क्षेत्रीय नेता को मार गिराया है. अगस्त 2020 में हुए इस हमले में मारे गए सहायताकर्मियों में एक गाइड व अन्य फ्रांसीसी नागरिक थे. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) ने उस समय कहा था कि ये हत्याएं एक आतंकवादी हमला थीं और आतंकियों को इसका परिणाम भुगतना होगा. वहीं, फ्रांसीसी सेना ने अपने नागरिकों के मारे जाने का बदला ले लिया है.
फ्रांस के रक्षा मंत्रालय (France's Defence Ministry) ने मंगलवार को कहा कि नाइजीरिया (Nigeria) के अधिकारियों के सहयोग से फ्रांस (France) के उग्रवाद निरोधक बल 'ऑपरेशन बारखने' (Operation Barkhane) ने इस घातक हवाई हमले के दौरान सौमना बौरा (Soumana Boura) को निशाना बनाया जो इस्लामिक स्टेट इन द ग्रेटर सहारा (Islamic State in the Greater Sahara) का नेता था. इस उग्रवाद निरोधक बल ने तिल्लाबेरी शहर के उत्तर में आईएजीएस अभयारण्य में इसका पता लगाया एवं इस अभियान के बाद उसके शव की पहचान की.
2020 में लोगों पर किया गया था हमला
फ्रांस का दावा है कि नाइजर (Niger) के कौरे पार्क (Kouré Park) में नौ अगस्त, 2020 को जो हमला किया था उसके हमलावरों में बौरा भी शामिल था. पेरिस (Paris) के एनजीओ एसीटीईडी (NGO ACTED) के अनुसार नौ अगस्त, 2020 को पूर्वाह्वान में यह हमला किया गया था और जो लोग मारे गये थे, वे उस दिन रविवार को वहां घूमने-फिरने गये थे. ये लोग इस एनजीओ के लिए काम करते थे. एनजीओ एसीटीईडी ने कहा कि नाइजर (Niger) में तैनात फ्रांसीसी सेना द्वारा भेजी गई एक एम्बुलेंस को जिराफ रिजर्व में उनके जले हुए वाहन में बाद में शव मिले.
गाओ, मेनका और नियामी इलाके में फोकस कर रहा फ्रांस
फ्रांसीसी सेना ने कहा कि सोमवार को बौरा को निशाना बनाकर किए गए हवाई हमले ने माली (Mali), नाइजर और बुर्किना फासो (Burkina Faso) के बीच आईएसजीएस के विस्तार के खिलाफ लड़ने और इसे तीन-सीमा क्षेत्र के कुछ हिस्सों पर नियंत्रण करने से रोकने में मदद की. साहेल क्षेत्र (Sahel region) में नौ साल की सैन्य उपस्थिति के बाद फ्रांस ने वहां पर अपनी बरखाने सेना को पुनर्गठित करना शुरू कर दिया है. ये टेसालिट, किडल और टिम्बकटू के अपने उत्तरी माली ठिकानों को पहले ही छोड़ चुका है और गाओ, मेनका और नियामी पर अपनी उपस्थिति को फिर से केंद्रित कर रहा है.
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