फ्रांस: आतंकी हमले लोकतांत्रिक देशों के लिए चुनौती, राष्ट्रपति मैक्रों के खिलाफ प्रदर्शन अंतरराष्ट्रीय साजिश का हिस्सा
भारत में हाल ही में हुए फ्रांस और वहां के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के खिलाफ प्रदर्शन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बनी
जनता से रिश्ता वेबडेस्क : नई दिल्ली, भारत में हाल ही में हुए फ्रांस और वहां के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के खिलाफ प्रदर्शन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बनी सहमति का हिस्सा थे। इतना ही नहीं फ्रांस में हाल में हुए आतंकी हमलों का सभी लोकतांत्रिक देशों के लिए निहितार्थ है। यह बात भारत के 22 अवकाशप्राप्त राजनयिकों ने संयुक्त बयान में कही है।
राजनयिकों के समूह ने कहा- भारत का मैक्रों के प्रति समर्थन का इजहार करना सही था
राजनयिकों के इस समूह में दो पूर्व विदेश सचिव और फ्रांस में राजदूत रहे चार पूर्व अधिकारी भी शामिल हैं। इन सभी ने कहा, भारत ने बिल्कुल सही समय पर फ्रांस और वहां के राष्ट्रपति मैक्रों के प्रति समर्थन का इजहार किया, क्योंकि दोनों के द्विपक्षीय रणनीतिक संबंध हाल के वर्षो में काफी मजबूत हुए हैं।
राजनयिकों के समूह ने कहा- फ्रांस के आतंकी हमले बड़ी साजिश का हिस्सा
राजनयिकों के समूह ने कहा है कि ध्यान दिया जाना चाहिए कि फ्रांस के आतंकी हमलों को सही ठहराने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आवाज उठी। इससे संकेत मिलता है कि ये हमले एक बड़ी साजिश का हिस्सा हो सकते हैं। इसी साजिश और सहमति के तहत भारत और अन्य देशों में फ्रांस और मैक्रों के खिलाफ प्रदर्शन हुए। संयुक्त बयान पर वरिष्ठ राजनयिक कंवल सिब्बल, शशांक, भासवती मुखर्जी, पिनाक रंजन चक्रवर्ती और रुचि घनश्याम के भी दस्तखत हैं।
फ्रांस में हुए आतंकी हमले सभी लोकतांत्रिक देशों के लिए चुनौती
संयुक्त बयान में कहा गया है कि फ्रांस में हाल के बर्बर इस्लामिक आतंकी हमले सभी लोकतांत्रिक देशों के लिए चुनौती हैं। ये उन सभी देशों के लिए साझा चुनौती हैं जहां पर कानून का शासन है।
भारत भी दशकों से आतंकवाद का शिकार है
भारत भी दशकों से आतंकवाद का शिकार है। यहां पर पाकिस्तान से आए आतंकी हमले कर निर्दोष लोगों को जान-माल का भारी नुकसान पहुंचाते रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया के करीब हर मंच से आतंकवाद के खतरों से सभी को आगाह करते रहे हैं और इससे मिल-जुलकर निपटने का आह्वान करते रहे हैं।