फ्रांस लगा सकता है भ्रामक लैंगिक शब्दों पर प्रतिबंध, जल्द ही 60 सांसदों के प्रस्ताव पर होगी चर्चा
स्त्रीलिंग बहुवचन का उपयोग केवल तभी किया जाता है जब समूह में हर कोई महिला हो।
फ्रांस के 60 सांसदों द्वारा प्रस्तावित एक नए कानून के तहत भ्रामक लैंगिक समावेशी शब्दों पर प्रतिबंध लगा सकता है। सांसदों का तर्क है कि लिंग समावेशी संज्ञाएं सही फ्रांसीसी सीखने को बहुत ज्यादा कठिन बना देती हैं और ये पूरी भाषा को भी खतरे में डाल सकती हैं। नए कानून को सांसद फ्रांस्वा जोलिवेट और राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के करीबी सहयोगियों द्वारा प्रस्तावित किया गया है।
सांसदों का दावा है कि लैंगिक तटस्थ शब्द 'बोली जाने वाली भाषा और लिखित भाषा के बीच अंतर पैदा करते हैं।' टेलीग्राफ के हवाले से एक बयान में कहा गया है, 'इससे पूरी फ्रांसीसी भाषावादी विरासत के गायब होने का खतरा है। महिलाओं और पुरुषों के बीच समानता की लड़ाई न्यायोचित है। मगर इसके लिए अपानाया जाने वाला रास्ता कभी-कभी भ्रामक हो जाता है।'
इस कानून ने उन लोगों के लिए व्याकरण में परिवर्तन की पहुंच को लेकर चिंता बढ़ाने का काम किया है जो नेत्रहीन हैं या जिन्हें सीखने में कठिनाई होती है। आने वाले हफ्तों में प्रस्तावित कानून पर संसद में बहस होगी। कुछ लोगों का तर्क है कि यह प्रस्ताव फ्रांसीसी भाषा से महिलाओं के उन्मूलन को रोकता है।
वर्तमान में, स्कूलों में पढ़ाए जाने वाले फ्रांसीसी व्याकरण नियम बताते हैं कि संज्ञा का पुल्लिंग 'हमेशा जीतता है'। उदाहरण के लिए दोस्तों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले बहुवचन, 'एमिस' (amis) का उपयोग महिलाओं और पुरुषों दोनों को संदर्भित करने के लिए किया जाता है, बेशक समूह में अधिकांश महिलाएं ही क्यों न हो। वहीं एमिज (amies) के स्त्रीलिंग बहुवचन का उपयोग केवल तभी किया जाता है जब समूह में हर कोई महिला हो।