दक्षिण अफ्रीका में भारतीय मूल के चार बच्चे अपहरण के बाद लौटे, नहीं पहुंचाया कोई नुकसान

दक्षिण अफ्रीका में बंदूकधारियों द्वारा तीन सप्ताह पहले स्कूल जाते समय अगवा किए गए भारतीय मूल के व्यवसायी के चार बेटे अपने माता-पिता के पास सुरक्षित पहुंच गए हैं

Update: 2021-11-12 02:00 GMT

दक्षिण अफ्रीका में बंदूकधारियों द्वारा तीन सप्ताह पहले स्कूल जाते समय अगवा किए गए भारतीय मूल के व्यवसायी के चार बेटे अपने माता-पिता के पास सुरक्षित पहुंच गए हैंपुलिस ने बताया कि पोलोकवाने में रहने वाले व्यवसायी नाजिम मोती के बेटे जिदान (7), जायद (11), एलन, (13), और जिया (15) सही सलामत लौट आए हैं।

कुछ दिन पूर्व इन बच्चों का सफेद चोगा पहने सात हथियारबंद लोगों ने दो वाहनों में अपहरण कर लिया था। बदमाशों ने 21 अक्तूबर को स्कूल जाने के रास्ते में उनकी कार को रोककर वारदात को अंजाम दिया और चालक को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया।
पुलिस प्रवक्ता विश नायडू ने कहा कि पुलिस को प्रिटोरिया के तशवाने के निवासियों का फोन आया, जिन्होंने कहा कि चार बच्चे उनके घर पहुंचे और कहा कि उन्हें पास की एक सड़क पर छोड़ दिया गया है। बच्चों को उनके माता-पिता को सौंपने से पहले पहले चिकित्सकीय जांच की गई। उनका स्वस्थ्य अच्छा है और उन्हें माता-पिता को सौंप दिया गया है।
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति डी. क्लार्क का निधन
नेल्सन मंडेला के साथ नोबेल शांति पुरस्कार साझा करने वाले दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति एफ. डब्ल्यू. डी. क्लार्क का 85 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वे रंगभेद नीति के खिलाफ श्वेत अल्पसंख्यकों का अंत करने वाले नेताओं में शामिल रहे हैं।
क्लार्क फाउंडेशन के एक प्रवक्ता ने पुष्टि की कि केप टाउन के फ्रेंसनाय इलाके में क्लार्क का निधन हो गया। वे कैंसर से पीड़ित थे। वह क्लार्क ही थे जिन्होंने दो फरवरी 1990 में दक्षिण अफ्रीकी संसद में एक संबोधन के दौरान घोषणा की थी कि मंडेला को 27 साल बाद जेल से रिहा किया जाएगा।
इस घोषणा ने एक ऐसे देश में नई ऊर्जा का संचार किया जिसे दशकों तक रंगभेद को लेकर उसकी क्रूर व्यवस्थाओं के कारण तिरस्कृत व प्रतिबंधित किया गया।

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