पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कंपनी और सीएफओ 15 वर्ष तक चली कर धोखाधड़ी में शामिल
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कंपनी ट्रंप ऑर्गेनाइजेशन और इसके लंबे समय तक मुख्य वित्तीय अधिकारी रहे एलन वीसलबर्ग पर 15 साल तक चली टैक्स धोखाधड़ी का आरोपी ठहराया गया है।
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कंपनी ट्रंप ऑर्गेनाइजेशन और इसके लंबे समय तक मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) रहे एलन वीसलबर्ग पर 15 साल तक चली टैक्स धोखाधड़ी का आरोपी ठहराया गया है।
जांच में पाया गया कि कंपनी ने अपार्टमेंट का किराया, कार व स्कूल ट्यूशन भुगतान के रूप में 17 लाख डॉलर से अधिक का राशि खर्च की और इसे किसी भी रिकॉर्ड में भी दर्ज नहीं किया गया।
हालांकि इस मामले में ट्रंप को आरोपित नहीं किया गया है लेकिन अभियोजकों ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति ने धोखाधड़ी की कथित योजना से संबंधित कुछ चेक पर दस्तखत किए थे।
आरोपों के मुताबिक, 2005 से लेकर इस वर्ष तक ट्रंप ऑर्गेनाइजेशन और वीसलबर्ग ने टैक्स अफसरों के साथ धोखाधड़ी की है। अकेले वीसलबर्ग पर संघीय शासन, राज्य व शहर के साथ 9,00,000 डॉलर की धोखाधड़ी का आरोप है। इसमें कर चोरी व ऐसे टैक्स रिफंड लेना शामिल है जो उन्हें नहीं मिलने चाहिए थे। इस मसले पर वे एक दिन पूर्व ही आत्मसमर्पण कर दिया।
पांच से 15 साल की हो सकती है जेल
ट्रंप ऑर्गेनाइजेशन के सीएफओ एलन वीसलबर्ग पर जो आरोप लगाए गए हैं उनमें पांच साल से लेकर 15 साल तक की जेल की सजा हो सकती है। वीसलबर्ग को उनका पासपोर्ट जमा कराने के बाद जानेे दिया गया। कंपनी पर टैक्स चोरी के जो आरोप हैं उनमें जो कर नहीं चुकाए गए उनसे दोगुनी राशि का जुर्माना या 2,50,000 डॉलर का जुर्माना, इनमें से जो भी राशि अधिक होगी, वह अदा करनी होगी।
ट्रंप ने कहा, राजनीति से प्रेरित है मामला
वीसलबर्ग और ट्रंप ऑर्गेनाइजेशन के वकीलों ने स्वयं को निर्दोष बताया है। डोनाल्ड ट्रंप ने इसे राजनीति से प्रेरित मामला बताया और वीसलबर्ग के वकीलों ने कहा कि वे इन आरोपों का सामना करेंगे। बता दें कि मैनहटन के डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी साइरस वेंस जूनियर तथा न्यूयॉर्क की अटॉर्नी जनरल लेतीतिया जेम्स ने यह मामला दर्ज कराया था। दोनों ही डेमोक्रेट हैं।