ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री ने PM नरेंद्र मोदी से अहम मुद्दो को लेकर की मुलाकात

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी एबॉट ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक सामरिक साझेदारी की पूरी क्षमता को साकार करने के लिए द्विपक्षीय व्यापार, निवेश और आर्थिक सहयोग संबंधों की समीक्षा की.

Update: 2021-08-05 16:41 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क :-  ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी एबॉट ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक सामरिक साझेदारी की पूरी क्षमता को साकार करने के लिए द्विपक्षीय व्यापार, निवेश और आर्थिक सहयोग संबंधों की समीक्षा की. प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि एबॉट ने ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के विशेष व्यापार दूत के रूप में प्रधानमंत्री से यह मुलाकात की.

पीएमओ ने ट्वीट कर कहा, ''प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के विशेष दूत टोनी एबॉट से मिलकर बहुत खुशी हुई. व्यापक सामरिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए उनके साथ अच्छी चर्चा हुई. हमारे व्यापार और आर्थिक संबंधों को ऊर्जा देने के लिए आवश्यक कदमों और लोगों के बीच संपर्क मजबूत करने को लेकर भी हमने चर्चा की.'' द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को बढ़ावा देने और व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (CECA) पर भारतीय नेताओं के साथ बातचीत करने के लिए एबॉट सोमवार से भारत की पांच दिवसीय यात्रा पर हैं.
आर्थिक चुनौतियों से निपटने में मिलेगी मदद"
पीएमओ ने कहा कि दोनों नेताओं ने भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक सामरिक साझेदारी की पूरी क्षमता को साकार करने के लिए द्विपक्षीय व्यापार, निवेश और आर्थिक सहयोग संबंधों की समीक्षा की.''दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच आर्थिक सहयोग को मजबूती देने से दोनों देशों को कोविड-19 महामारी से पैदा हुई आर्थिक चुनौतियों से निपटने और स्थिर, सुरक्षित और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र की साझा दृष्टि को साकार करने में मदद मिलेगी.
पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री ने हाल के वर्षों में दोनों देशों के संबंधों में हुई वृद्धि पर संतुष्टि जताई और इस यात्रा में प्रधानमंत्री मॉरिसन और एबॉट के महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की. प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर मॉरिसन के साथ पिछले साल हुए डिजिटल शिखर सम्मलेन को याद किया और उनका भारत में स्वागत करने की इच्छा जताई.


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