पाकिस्तान के पूर्व राजदूत बोले- भ्रष्टाचार के मामलों में आसिफ अली जरदारी के खिलाफ गवाह बनाने को डाला गया था बेहद दबाव
ईरान में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत एमबी अब्बासी ने खुलासा किया कि उन पर भ्रष्टाचार के मामलों में पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ गवाह बनने के लिए अत्यधिक दबाव डाला गया था इसलिए वह 20 साल पहले कनाडा भाग गए थे।
ईरान में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत एमबी अब्बासी ने खुलासा किया कि उन पर भ्रष्टाचार के मामलों में पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ गवाह बनने के लिए अत्यधिक दबाव डाला गया था इसलिए वह 20 साल पहले कनाडा भाग गए थे।
एक मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब्बासी अक्टूबर 2008 से अक्टूबर 2010 तक ईरान में पाकिस्तान के राजदूत रहे और 1995-96 तक नेशनल बैंक ऑफ पाकिस्तान के अध्यक्ष पद पर रहे।
लंदन में अपनी पुस्तक "द रूल ऑफ जस्टिस" के विमोचन के अवसर पर अब्बासी ने कहा कि जब मैंने पाकिस्तान छोड़ा तो जरदारी के खिलाफ जोरदार अभियान चल रहा था।
पुस्तक विमोचन के मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय जुल्फिकार अली भुट्टो की बेटी सनम भुट्टो पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) से जुड़े अन्य लोगों के अलावा पुस्तक के विमोचन में मौजूद थीं।
इमरान के खिलाफ उठ रही आवाज
उनका यह बयान रविवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से पहले आया है। खान सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख भी हैं। जरदारी उन तीन विपक्षी नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन किया है।
अब्बासी पिछले 20 वर्षों से टोरंटो, कनाडा में रह रहे
अब्बासी ने कहा कि मैं आसिफ अली जरदारी और भुट्टो परिवार को लंबे समय से जानता हूं। मुझे किसी भी घोटाले के बारे में कुछ नहीं पता था और जरदारी ने मुझे कभी भी अपनी ओर से कुछ भी गलत करने के लिए नहीं कहा। फिर भी, मुझे उनके खिलाफ सरकारी गवाह बनने के लिए कहा गया था और मैंने जरदारी को फर्जी आधार पर फंसाने में मदद न करने के लिए बाहर निकलने का फैसला किया। अब्बासी पिछले 20 वर्षों से टोरंटो, कनाडा में रह रहे हैं।
आसिफ अली जरदारी 2008 से 2013 तक पाकिस्तान के 11वें राष्ट्रपति थे। फिलहाल वह भ्रष्टाचार के कई मामलों का सामना कर रहे हैं, जो एक मेगा मनी लॉन्ड्रिंग घोटाले से जुड़े हैं यह मामला 2018 में सामने आया था।