अमेरिका में टैक्सी चला गुजारा कर रहे पूर्व अफगान वित्तमंत्री, कहा- शायद हम ही सुधरना नहीं चाहते

अफगानिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री खालिद पायंदा इन दिनों अमेरिका के वाशिंगटन में टैक्सी चलाकर गुजारा कर रहे हैं। वे अमेरिका से बेहद खफा हैं और मानते हैं कि उसी ने अफगानिस्तान को तालिबान के हाथों सौंप दिया। उन्होंनें इसे धोखा करार दिया।

Update: 2022-03-22 01:00 GMT

अफगानिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री खालिद पायंदा इन दिनों अमेरिका के वाशिंगटन में टैक्सी चलाकर गुजारा कर रहे हैं। वे अमेरिका से बेहद खफा हैं और मानते हैं कि उसी ने अफगानिस्तान को तालिबान के हाथों सौंप दिया। उन्होंनें इसे धोखा करार दिया।

पिछले वर्ष अगस्त में तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जा करने से एक सप्ताह पूर्व खालिद ने इस्तीफा दे दिया था। पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी ने सार्वजनिक बैठक में उनकी आलोचना की थी।

खालिद के अनुसार उन्हें अनुमान नहीं था कि सरकार अचानक इस प्रकार गिर जाएगी। आज भी उन्हें यह दुखद सवाल चुभते हैं कि अफगानिस्तान की हार कैसे हुई? वे मानते हैं कि लोकतांत्रिक सरकार गिरने के पीछे वे और अफगानिस्तानी नागरिक जिम्मेदार हैं।

शायद हम ही सुधरना नहीं चाहते

खालिद कहते हैं कि हम सुधारों की सामूहिक इच्छा नहीं रखते। अमेरिका ने भी धोखा दिया, आज भी यह बात उन्हें भीतर से खा रही है। उनके पास आज कोई घर नहीं है। खालिद ने कहा कि वे अमेरिका के नहीं है, लेकिन यहां रहना उन्हें ऐसा खालीपन देता है जिसे भरा नहीं जा सकता।

परिवार के जीवन-यापन के लिए बने टैक्सी ड्राइवर

दी वाशिंगटन पोस्ट की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री मोहम्मद खालिद पाएंदा इन दिनों अमेरिका में उबर कैब चला रहे हैं। अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे से पहले वह वित्त मंत्री थे। तख्तापलट की आशंका में वह अपना देश छोड़कर अमेरिका चले गए थे, जहां वह जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में एडजंक्ट प्रोफेसर भी हैं, लेकिन अपने परिवार के जीवन-यापन के लिए वह पार्टटाइम उबर कैब भी चलाते हैं।

अफगानिस्तान का वित्त मंत्री बनने पर अफसोस

बताया गया है कि पाएंदा की मां 2020 में कोविड का शिकार हो गई थीं। इसके कुछ ही समय बाद उन्हें अफगानिस्तान का वित्त मंत्री बनाया गया. हालांकि अभी उन्हें इस बात का अफसोस है कि वह क्यों मंत्री बने ही थे। वह कहते हैं, 'मैंने बहुत सारा पागलपन देखा है और हम फेल हुए हैं। मैं भी उस फेल्योर का हिस्सा था। जब आप लोगों की बदहाली देखते हैं तो बहुत मुश्किल होता है और आप जिम्मेदारी महसूस करने लगते हैं।


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