विदेश सचिव क्वात्रा कोलंबो पहुंचे

Update: 2023-07-11 07:12 GMT

श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रम सिंघे की हिंदुस्तान यात्रा से पहले विदेश सचिव विनय क्वात्रा कोलंबो पहुंच गए हैं. विनय मोहन क्वात्रा कई भारतीय परियोजनाओं का जायजा लेने और राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे की आनें वाले हिंदुस्तान यात्रा की तैयारियों का जायजा लेने गए हैं. वह भारत-श्रीलंका के बीच होने वाली द्विपक्षीय वार्ता से पहले कई मजबूत आधार स्तंभ खड़ा करने का भी काम करेंगे. श्रीलंका के संकटकाल में हिंदुस्तान उसका सबसे बड़ा मददगार बनकर खड़ा रहा. हालांकि उससे पहले चीन ने श्रीलंका की सहायता के नाम पर उसके हंबनटोटा बंदरगाह पर अपना अतिक्रमण जमाना प्रारम्भ कर दिया था. मगर हिंदुस्तान के विरोध के बाद उसे वापस जाना पड़ा था. अब श्रीलंका और हिंदुस्तान के बीच मजबूत होती दोस्ती चीन को परेशान कर रही है.

विनय क्वात्रा सोमवार रात श्रीलंका की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर कोलंबो पहुंचे हैं. ऑफिसरों ने बताया कि वह कई क्षेत्रों में जारी भारतीय परियोजनाओं का जायजा लेंगे और विक्रमसिंघे की हिंदुस्तान यात्रा के लिए जमीनी स्तर पर तैयारियां करेंगे. ऑफिसरों ने रविवार को बोला था कि विक्रमसिंघे 21 जुलाई को हिंदुस्तान की दो दिवसीय यात्रा पर आएंगे और इस दौरान, उनके पीएम नरेन्द्र मोदी से भी मिलने की आसार है. उन्होंने बताया था कि विक्रमसिंघे हिंदुस्तान के लिए रवाना होने से पहले द्वीप देश में बिजली और ऊर्जा, कृषि तथा समुद्री मुद्दों से संबंधित कई भारतीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को आखिरी रूप देंगे. पिछले साल जुलाई में जनता के विद्रोह के बीच गोटबाया राजपक्षे के सत्ता से बाहर होने और सबसे बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहे राष्ट्र का राष्ट्रपति नियुक्त होने के बाद यह विक्रमसिंघे की पहली हिंदुस्तान यात्रा होगी.

भारत से अच्छे संबंध बनाने पर जोर

विक्रमसिंघे ने हिंदुस्तान के साथ अच्छे संबंध स्थापित करने पर जोर दिया है और इसे अपनी विदेश नीति का प्रमुख हिस्सा बनाया है. इस वर्ष जनवरी में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने विक्रमसिंघे को हिंदुस्तान आने का औपचारिक निमंत्रण दिया था. यह यात्रा ऐसे समय हो रही है, जब श्रीलंका की कमजोर अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दिख रहे हैं. विदेशी मुद्रा की भारी कमी के कारण श्रीलंका 2022 में वित्तीय संकट की चपेट में आ गया था. उसे 1948 में ब्रिटिश हुकूमत से आजादी के बाद सबसे बड़े आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है. द्वीप देश ने पिछले वर्ष अप्रैल के मध्य में पहली बार ऋण अदा न कर पाने की घोषणा की थी. इस वर्ष मार्च में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने उसे 2.9 अरब $ का राहत पैकेज दिया था. 

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