विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन संघर्ष विराम को और मजबूती प्रदान करने के लिए मिस्र रवाना

प्रमुख नीतियों को पलटते हुए करीब चार करोड़ डॉलर की नयी सहायता राशि का भी ऐलान किया है।

Update: 2021-05-26 10:29 GMT

अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन इजराइल और हमास उग्रवादी समूह के बीच 11 दिन की लड़ाई को खत्म करने वाले संघर्ष विराम को मजबूती प्रदानकरने के मकसद से बुधवार को मिस्र तथा जॉर्डन के लिए रवाना हुए।

ब्लिंकन ने काहिरा जाने से पहले बुधवार को इजराइल में नेताओं से बातचीत की। उन्होंने युद्ध से प्रभावित गाजा के पुनर्निर्माण के लिए ''अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने'' का आह्वान करते हुए यह सुनिश्चित करने का भी वादा किया कि इस क्षेत्र के लिए दी जाने वाली कोई भी सहायता हमास तक न पहुंचे।
रवाना होने से पहले ब्लिंकन ने इजराइली राष्ट्रपति रूवन रिवलिन को आगामी हफ्तों में अमेरिका की यात्रा करने का राष्ट्रपति जो बाइडन का निमंत्रण दिया। रिवलिन के कार्यालय के अनुसार, उन्होंने निमंत्रण स्वीकार कर लिया है।
ब्लिंकन ने क्षेत्र में शांति स्थापित करने की कोशिश में मिस्र और जॉर्डन को अहम बताया। दोनों देश अमेरिका के अहम सहयोगी हैं और उनके इजराइल के साथ शांति समझौते हैं तथा अकसर वे इजराइल और फलस्तीन के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाते हैं।
उन्होंने मंगलवार देर रात पत्रकारों को बताया, ''मिस्र ने संघर्ष विराम स्थापित करने में मदद करने में अहम भूमिका निभाई और जॉर्डन लंबे समय से क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता का पैरोकार रहा है।''
मिस्र की सीमा इजराइल और गाजा के साथ लगती है। ब्लिंकन का मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल-सिसी तथा अन्य शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात करने का कार्यक्रम है। बाइडन ने संघर्ष विराम में मदद के लिए युद्ध के दौरान अल-सिसी से बात की थी।
यह विदेश मंत्री के तौर पर ब्लिंकन की पश्चिम एशिया की पहली यात्रा है।
इजराइली और फलस्तीनी नेताओं के साथ मंगलवार को बातचीत के दौरान उन्होंने स्पष्ट किया कि अमेरिका की दोनों पक्षों के बीच शांति वार्ता कराने की अभी कोई योजना नहीं है क्योंकि पिछले प्रशासनों की ये कोशिशें विफल हो चुकी हैं।
इसके बजाय उन्होंने ''बेहतर माहौल'' बनाने की उम्मीद जताई जिससे शांति वार्ता का मार्ग प्रशस्त हो।
ब्लिंकन ने फलस्तीनियों के लिए एक प्रमुख राजनयिक संपर्क कार्यालय को पुन: खोलने की योजना की घोषणा की है और ट्रंप प्रशासन की प्रमुख नीतियों को पलटते हुए करीब चार करोड़ डॉलर की नयी सहायता राशि का भी ऐलान किया है।

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