ताइवान भूकंप से 30 घंटे पहले मछुआरे ने पकड़ी कयामत की मछली, जानें इससे जुड़ा प्राचीन अंधविश्वास

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Update: 2024-04-06 18:40 GMT

ताइवान: हाल ही में ताइवान में आए शक्तिशाली भूकंप से पहले फिलीपींस में एक मछुआरे ने डूम्सडे मछली पकड़ी, जिसे 'प्रलय का दिन मछली' या कयामत की मछली भी कहा जाता है. मछुआरे द्वारा इस मछली को पकड़े जाने के बाद एक बार फिर से प्राचीन अंधविश्वासों को हवा मिल गई है. दरअसल, इस तरह देखी जाने वाली घटनाओं को आसन्न आपदा (किसी भी पल आने वाली आपदा) से जोड़कर देखा जाता है. डूम्सडे फिश को ओरफिश के नाम से जाना जाता है, जो मनुष्यों द्वारा शायद ही कभी देखा जाती है. जापानी लोककथाओं के अनुसार, इस मछली का पानी में नजर आना किसी आसन्न आपदा का संकेत है. इस मछली के मिलने के करीब 30 घंटे बाद पड़ोसी द्वीप राष्ट्र की धरती भूकंप के तेज झटकों से हिल गई.



मिरर की एक रिपोर्ट के अनुसार, भूकंप के केंद्र से लगभग 900 मील दक्षिण में कलंगगमन द्वीप के पास कयामत की मछली यानी डूम्सडे फिश पकड़ने वाले मछुआरे ब्रेनजेंग कायोन, इस मुठभेड़ को महज संयोग से कहीं अधिक बताते हैं. 15 किलोग्राम वजन और लगभग पांच फीट लंबे इस जीव को कैयोन ने पहचाना, जिन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने और उनके दल ने शुरू में असामान्य मछली के महत्व को समझने से पहले उसे गलत समझा, जिसके बाद वे इसे वापस समुद्र में फेंकने के बजाय किनारे पर ले आए. बताया जाता है कि जैसे-जैसे ओरफिश देखे जाने की खबरें फैलती गईं, वैसे-वैसे किसी अशुभ घटना के घटने की धारणा भी बढ़ती गई. इस घटना ने अतीत के उदाहरणों को पुन: जीवित कर दिया, जहां कथित तौर पर इसी तरह की मुठभेड़ों के बाद विनाशकारी भूकंप आए थे. आपको बता दें कि करीब 7.4 तीव्रता के भूकंप ने ताइवान को हिलाकर रख दिया, जिसमें नौ लोगों की जान चली गई और 900 से अधिक लोग घायल हो गए, जिससे इस पौराणिक प्राणी की कथित भविष्यवाणी शक्तियों के बारे में अटकलों को और हवा मिल गई. एक तरफ जहां लोग इन लोककथाओं पर विश्वास कर रहे हैं तो वहीं पारिस्थितिक भूकंपविज्ञानी कियोशी वदात्सुमी जैसे अन्य लोगों ने इस घटना के लिए वैज्ञानिक स्पष्टीकरण मांगा है.

बहरहाल, इस दावे के बावजूद कि गहरे समुद्र में रहने वाले जीवों में टेक्टोनिक गतिविधियों के प्रति अत्यधिक संवेदनशीलता हो सकती है. साल 2019 का एक अध्ययन ओरफिश देखे जाने और भूकंपीय गतिविधि के बीच एक निर्णायक संबंध स्थापित करने में विफल रहा और किंवदंती को संयोग से पैदा हुए अंधविश्वास के रूप में खारिज कर दिया. गौरतलब है कि प्राचीन मान्यताओं और वैज्ञानिक जांच में डूबी ओरफिश की रहस्यमय प्रकृति, कल्पनाओं को मोहित करती रहती है, जिससे प्रकृति के रहस्यमय संकेतों के सामने संदेह और आश्चर्य दोनों के लिए जगह बचती है.


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