पाकिस्तान में पहली बार कोर्ट ने गैंगरेप के मामले में सुनाई मौत की सजा, बच्चों के सामने महिला के साथ हुई थी दरिंदगी
पाकिस्तान में पहली बार एक अदालत ने गैंगरेप के मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है।
पाकिस्तान में पहली बार एक अदालत ने गैंगरेप के मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। पाकिस्तान में पिछले साल पाकिस्तानी मूल की फ्रांसीसी महिला से बच्चों के सामने गैंगरेप की घटना में लाहौर की एक अदालत ने सजा-ए-मौत सुनाई है। पाकिस्तान में गैंगरेप के दोषियों को मौत की सजा देने का यह पहला मामला है। दोषियों को मौत की सजा सुनाने के लिए इमरान सरकार को नया कानून बनाना पड़ा था।
पाकिस्तान में पिछले साल सितंबर में लाहौर के पास हाईवे पर एक महिला से दरिंदगी का मामला सामने आया था। पाकिस्तानी मूल की फ्रांसीसी नागरिक महिला से बच्चों के सामने गैंगरेप किया गया था। इस घटना से पूरा देश हिल गया था। महिला सामाजिक कार्यकर्ता और सामाजिक संगठन दरिंदों को मौत की सजा दिलाने की मांग करते हुए सड़कों पर उतर आए थे। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की कुर्सी खतरे आ गई थी। उसके बाद आरोपियों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की गई। इसी मामले के दोषियों को मौत की सजा सुनाई गई है।
जेल में ही हुई सुनवाई
लाहौर की एंटी टेरेरिज्म कोर्ट के जज हुसैन भट्ट ने शनिवार को यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले की लाहौर की कैंप जेल में ही सुनवाई हुई। न्यायाधीश शाम पांच बजे जेल में पहुंचे, जहां करीब 25 मिनट की सुनवाई के बाद सजा-ए-मौत का फैसला सुना दिया। दोनों दोषियों को उम्रकैद और 50-50 हजार रुपये के जुर्माने की सजा भी सुनाई गई है। स्थानीय मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में यह फैसला सुनाया गया। बता दें कि अदालत ने इस मामले में गुरुवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
50 से ज्यादा लोगों ने दी गवाही
दरिंदगी के मामले में करीब साढ़े छह महीने पहले हुए इस मामले में 50 से ज्यादा गवाह पेश किए। इनकी गवाही के आधार पर अदालत ने अपना फैसला सुनाया है। दोषियों को कैंप जेल से कोट लखपत जेल भेजा जाएगा, जहां उन्हें मौत की सजा दी जाएगी।
क्या था पूरा मामला
पिछले साल 9 सितंबर को महिला अपने बच्चों के साथ जा रही थी। लाहौर-सियालकोट हाईवे पर एक टोल प्लाजा पार करते ही पेट्रोल खत्म हो गया। बच्चों के बाद सूनसान में फंसी महिला ने मदद की गुहार लगाई थी, लेकिन मामले में दोषी आबिद माल्ही और शफकत अली ने बंदूक की नोक पर महिला को बच्चों के सामने ही अपनी हवस का शिकार बना डाला था। दरिंदगी के बाद दोषियों ने महिला से रुपये, गहने, एटीएम और मोबाइल भी छीन लिया था।
इमरान को बदलना पड़ा कानून
इस घटना को लेकर पाकिस्तान में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए थे। लोगों ने सरकार से जवाब मांगना शुरू कर दिया था। लोगों के रोष को शांत करने के लिए पाकिस्तान के आतंकवाद रोधी अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया गया। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपनी कुर्सी पर खतरा आता देख 'सख्त' कार्रवाई करने का भरोसा जताया था। इसके बाद कानून पास किया गया कि दुष्कर्मियों का बधियाकरण कर दिया जाएगा। इस कानून के मसौदे में पुलिस में महिलाओं की भूमिका बढ़ाना, दुष्कर्म मामलों की फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई और गवाहों की सुरक्षा जैसी चीजों को शामिल किया गया।