श्रीलंका को आर्थिक संकट से बाहर लाना पहली प्राथमिकता : नए PM रानिल विक्रमसिंघे

Update: 2022-05-13 01:37 GMT

श्रीलंका। श्रीलंका में सबसे बड़े आर्थिक संकट के बीच गुरुवार को रानिल विक्रमसिंघे ने 26वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली. प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता अर्थव्यवस्था को दुरुस्त कर श्रीलंका को आर्थिक संकट के बाहर लाना है. इसके साथ ही उन्होंने भारत के साथ रिश्ते पर कहा कि उनके कार्यकाल में दोनों देशों के बीच रिश्ते और भी बेहतर होंगे.

देश के बिगड़ते आर्थिक हालात और हिंसक प्रदर्शनों के बीच महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. यूनाइटेड नेशनल पार्टी (UNP) के नेता रानिल विक्रमसिंघे को राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने शपथ दिलाई. इससे पहले भी विक्रमसिंघे पांच बार श्रीलंका के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं.

पीएम पद की शपथ लेने के बाद विक्रमसिंघे ने पत्रकारों से कहा कि मैंने देश की अर्थव्यस्था को पटरी पर लाने की चुनौती ली है और मैं इसे पूरा करूंगा. इस दौरान उन्होंने भारत के सवाल पर कहा कि दोनों के बीच रिश्ते पहले से और बेहतर होंगे. नए प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे से जब प्रदर्शनकारियों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हम उनसे बात करने के लिए तैयार हैं अगर वो बात करना चाहते हैं.  रानिल विक्रमसिंघे के शपथ लेने के बाद भारतीय उच्चायोग ने गुरुवार को कहा कि भारत लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के अनुसार गठित नई श्रीलंकाई सरकार के साथ काम करने को लेकर आशान्वित हैं और श्रीलंका के लोगों के लिए नई दिल्ली की प्रतिबद्धता जारी रहेगी. बता दें कि देश में लगातार हो रहे प्रदर्शन और हिंसक झड़पों के बाद महिंदा राजपक्षे ने सोमवार को श्रीलंका के प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था.

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