तालिबानी कब्जे के बाद पहली बार काबुल पहुंचा पहला विमान, इस्लामाबाद से आई

इसके बाद एयरपोर्ट को फिर से ऑपरेशनल बनाने के लिए कतर की टेक्निकल सहायता ली गई.

Update: 2021-09-13 09:11 GMT

अफगानिस्तान (Afghanistan) पर तालिबान (Taliban) के कब्जे के लगभग एक महीने बाद पहली बार सोमवार को पहली अंतरराष्ट्रीय कमर्शियल फ्लाइट (First international commercial flight) काबुल एयरपोर्ट (Kabul Airport) पर लैंड हुई. समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार, पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (Pakistan International Airlines) का एक विमान मुट्ठी भर यात्रियों को लेकर सोमवार को काबुल के हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Hamid Karzai International Airport) पर लैंड हुआ. तालिबान के कब्जे के बाद ही अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बंद थीं.

इस्लामाबाद (Islamabad) से उड़ान में सवार एएफपी के एक पत्रकार ने कहा, 'विमान में शायद ही कोई सवार था. इसमें लगभग 10 लोग थे. शायद यात्रियों से अधिक कर्मचारी विमान में मौजूद थे.' एयरलाइन के एक प्रवक्ता ने एएफपी को बताया कि पाकिस्तान एयरलाइंस पाकिस्तान (Pakistan) और अफगानिस्तान के बीच नियमित कमर्शियल सेवाओं को फिर से शुरू करने की इच्छुक थी. हालांकि, उन्होंने कहा कि यह कहना जल्दबाजी होगी कि उड़ानें कितनी बार संचालित होंगी. 15 अगस्त को तालिबान के काबुल पर कब्जा करने के बाद कई कमर्शियल एयरलाइनों ने अफगान हवाई क्षेत्र में उड़ान भरने से इनकार कर दिया था.
काबुल एयरपोर्ट के जरिए 1,20,000 से अधिक लोगों ने छोड़ा देश
तालिबान के कब्जे के बाद केवल निकासी उड़ानों को काबुल एयरपोर्ट का उपयोग करने की अनुमति दी गई थी. काबुल एयरपोर्ट अमेरिका के नेतृत्व में निकासी के केंद्र में था. यहां से अफगान नागरिकों समेत कई देशों के लोगों को बाहर निकाला गया. बताया गया कि एयरपोर्ट के जरिए 1,20,000 से अधिक लोग देश छोड़कर चले गए. 30 अगस्त को अमेरिकी सैनिकों की वापसी के साथ निकासी समाप्त हो गई. काबुल एयरपोर्ट पर नियंत्रण के बाद तालिबान ने कतर (Qatar) और तुर्की (Turkey) से एयरपोर्ट को फिर से चालू करने के लिए तकनीकी सहायता मांगी. बता दें कि एक अफगान एयरलाइन ने 3 सितंबर को घरेलू सेवाएं फिर से शुरू कीं.
कतर एयरवेज ने पिछले हफ्ते चार्टर उड़ानें संचालित कीं
वहीं, एएफपी के अनुसार, कतर एयरवेज (Qatar Airways) ने पिछले हफ्ते काबुल से कई चार्टर उड़ानें संचालित कीं, जिनमें ज्यादातर विदेशी और अफगान थे. ये वे लोग थे, जो 30 अगस्त से पहले निकासी से चूक गए थे. गौरतलब है कि अमेरिकी सैनिकों की 30 अगस्त को अफगानिस्तान से वापसी के बाद काबुल एयरपोर्ट पर हालात भयावह हो गए थे. बड़ी संख्या में लोग देश छोड़ने के लिए एयरपोर्ट पर पहुंचे और इस वजह से एयरपोर्ट को खासा नुकसान पहुंचा था. इसके बाद एयरपोर्ट को फिर से ऑपरेशनल बनाने के लिए कतर की टेक्निकल सहायता ली गई.

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