पहले अपहरण हुआ, फिर तस्करों को बेचा गया, पढ़ें मां-बेटे की दर्दनाक कहानी

मां-बेटे की दर्दनाक कहानी

Update: 2021-06-30 15:49 GMT

Son-Mother Reunited After Three Decades in China: चीन के रहने वाले एक मां बेटे की कहानी इस वक्त पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बनी हुई है. इन दोनों की मुलाकात 31 साल बाद हुई और दोनों ही एक दूसरे को देखकर भावुक हो गए. इन मां बेटे का अपहरण कर इन्हें मानव तस्करों (Human Trafficking) को बेच दिया गया था. ताओ शियाओबिंग उस समय महज तीन साल के थे, जब वह अपनी मां से बिछड़ गए. लेकिन आखिरकार उन्होंने गुआंग्झू प्रांत के बीजी शहर में अपनी मां को ढूंढ लिया. दोनों की मुलाकात शनिवार को हुई थी.

चीन की न्यूज वेबसाइट के अनुसार, जब ताओ तीन साल के थे, तब गांव में रहने वाले उनके पड़ोसियों ने उनका और उनकी मां का अपहरण कर लिया था. फिर इन्हें शानदोंग के रहने वाले एक परिवार को बेच दिया गया. इसके कुछ महीने बाद जब वहां कोई गार्ड मौजूद नहीं था, तो ताओ की मां बच निकलने में कामयाब रहीं (China Son Mother Reunited). लेकिन वह अपने बेटे को साथ नहीं ले जा सकीं. जब वह बिजी लौटीं तो घर पर कोई मौजूद नहीं था और उन्हें गांव वाले वहां से भागने को कह रहे थे. इसके साथ ही स्थानीय अधिकारियों ने भी उनकी कोई मदद नहीं की.
ताओ भी भागने में कामयाब हुए
ताओ की मां बीते कई साल से उन्हें ढूंढने के लिए स्थानीय अधिकारियों से गुहार लगाती रहीं लेकिन किसी ने उनकी एक ना सुनी. ताओ को जिस परिवार को बेचा गया था, वहां वह बच्चों और बुजुर्गों की देखभाल करते थे. लेकिन जब ताओ इस घर से भागे तो उन्हें शानदोंग के ही एक दंपति ने गोद ले लिया (Slavery in China). हालांकि ताओ के नए मां-बाप भी उनके असली परिवार को ढूंढने में उनकी मदद नहीं कर पाए, वो डर गए थे कि ताओ उनसे दूर चले जाएंगे. लेकिन फिर उन्होंने समाज सेवकों की मदद से अपनी मां को ढूंढ लिया.
डीएनए टेस्ट के बाद मां से मिले ताओ
ताओ की शादी हो चुकी है और उनका खुद का परिवार है. जब उन्हें उनकी मां का पता चला तो डीएनए टेस्ट किया गया. जैसे ही टेस्ट में दोनों के रिश्ते की पुष्टि हुई, ताओ तुरंत अपनी मां से मिलने चले आए (Slavery Data in China). अपने बेटे से मिलने के बाद झोउ ने कहा, 'मेरे बच्चे को ढूंढने में मेरी मदद करने के लिए सभी को धन्यवाद.' ग्लोबल स्लेवरी इंडेक्स के आंकड़े बताते हैं कि चीन में 2016 में ही 3.8 मिलियन लोग दासता का जीवन बिता रहे हैं. यानी देश के एक हजार लोगों में से 2.8 लोगों से गुलामी करवाई जा रही है.
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