बांग्लादेश में कंटेनर डिपो में लगी आग, अब तक 35 की मौत, 450 से ज्यादा घायल

जिसमें 52 लोगों की मौत हो गई थी। 2020 में एक तेल टैंक में ब्लास्ट के बाद तीन लोगों की जान चली गई थी।

Update: 2022-06-05 07:28 GMT

ढाका : दक्षिण-पूर्वी बांग्लादेश में एक निजी कंटेनर डिपो में शनिवार रात विस्फोट के कारण लगी भीषण आग में कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई और 450 से अधिक लोग घायल हो गए। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। 'द डेली स्टार' समाचार पत्र ने बताया कि चटगांव के सीताकुंड उपजिला में कदमरासुल क्षेत्र स्थित बीएम कंटेनर डिपो में शनिवार रात आग लग गई। डिपो में लगी आग और उसके बाद हुए विस्फोटों में कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई तथा पुलिस एवं दमकल कर्मियों समेत सैकड़ों लोग झुलस गए।

'ढाका ट्रिब्यून' ने 'रेड क्रेसेंट यूथ चटगांव' में स्वास्थ्य एवं सेवा विभाग के प्रमुख इस्ताकुल इस्लाम के हवाले से कहा, 'इस घटना में 450 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनमें से कम से कम 350 लोग सीएमसीएच (चटगांव मेडिकल कॉलेज अस्पताल) में भर्ती हैं।' इस्लाम ने मृतक संख्या के बढ़ने की आशंका जताई। दमकल सेवा सूत्रों के अनुसार, इस दौरान दमकल विभाग के भी तीन कर्मियों की मौत हो गई। मृतकों की पहचान का अभी पता नहीं चल पाया है।
घायलों से भर गया पूरा अस्पताल
स्थानीय मीडिया के मुताबिक विस्फोट इतना जोरदार था कि आसपास की इमारतों की खिड़कियां भी क्षतिग्रस्त हो गईं और 4 किमी दूर तक धमाके को महसूस किया गया। यह कस्बा देश के दूसरे सबसे बड़े शहर चटगांव से सिर्फ 40 किमी की दूरी पर स्थित है। शहर का एक अस्पताल घायलों से पूरी तरह भर चुका है। आग लगने के कई घंटों बाद रविवार सुबह भी आग बुझाने के प्रयास जारी रहे।
बांग्लादेश में पहले भी लग चुकी हैं भीषण आग
डिपो के डायरेक्टर मुजीबुर रहमान ने न्यूज एजेंसी एएफपी को बताया कि डिपो में करीब 600 लोग काम करते हैं। बांग्लादेश में अक्सर आग लगने की घटनाएं होती रहती हैं। पिछले साल देश के दक्षिण में एक नौका में आग लगने से कम से कम 39 लोगों की मौत हो गई थी। पिछले साल ढाका के पास रूपगंज में एक फैक्ट्री में भी आग लग गई थी जिसमें 52 लोगों की मौत हो गई थी। 2020 में एक तेल टैंक में ब्लास्ट के बाद तीन लोगों की जान चली गई थी।

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