2012 में हो गई थी मंगेतर की मौत, लेकिन अभी भी प्रेमी ऐसे कर रहा बात

Update: 2021-07-26 05:10 GMT

एक शख्स ने अपनी मंगेतर को फिर से जिंदा करने की कोशिश की है. इसके लिए उसने एआई चैटबॉट का इस्तेमाल किया. मंगेतर की 8 साल पहले मौत हो चुकी है. दरअसल, कनाडा में ब्रैडफोर्ड के रहने वाले 33 वर्षीय स्वतंत्र लेखक जोशुआ बारब्यू की मंगेतर जेसिका परेरा की 2012 में एक गंभीर बीमारी के कारण मौत हो गई थी.

जोशुआ बारब्यू अपनी गर्लफ्रेंड को भूल नहीं पा रहे थे. पिछले साल ही जोशुआ 'प्रोजेक्ट दिसंबर' नाम की वेबसाइट से जुड़ा और 5 डॉलर का भुगतान करके उन्होंने एक नया बॉट बनाया और इसे जेसिका कर्टनी परेरा नाम दिया. इस बॉट में अपनी गर्लफेंड से जुड़ी जानकारी डालने के बाद वह उससे बात करने लगा.
जोशुआ बारब्यू ने मंगेतर जेसिका परेरा के पुराने फेसबुक अकाउंट, टेक्स्ट मैसेज और कुछ जानकारी डालकर ठीक उसी तरह जवाब देने वाले एक सॉफ्टवेयर को बनाया. यह सॉफ्टवेयर तमाम इनपुट को लेकर लव लेटर से लेकर अकादमिक टेक्स्ट तक लिख सकता है और उसे सामने वाले के साथ शेयर कर सकता है.
पिछले साल सितंबर में जोशुआ बारब्यू ने 'प्रोजेक्ट दिसंबर' नाम की वेबसाइट के बारे में सुना, जो आर्टिफिशियल इंटीलिजेंस का इस्तेमाल करके चैट बॉट बनाती है. GPT-3 सॉफ्टवेयर पर चलने वाला यह बॉट किसी के भी पुराने टेक्स्ट मैसेज और राइटिंग स्किल का इस्तेमाल करके उसकी तरह बात करने लगता है और उसकी तरह लिखने लगता है.
जोशुआ ने जेसिका के कई मैसेज को इनपुट के तौर पर इस्तेमाल किया और फिर उससे वर्चुअल वर्जन में बात करने लगा. प्रोजेक्ट दिसंबर GPT-3 द्वारा संचालित है, जो कि OpenAI द्वारा डिज़ाइन किया गया AI मॉडल है, जो एलन मस्क द्वारा समर्थित एक शोध समूह है.
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यह तकनीक खतरनाक हो सकती है. OpenAI ने स्वीकार किया कि जब उसने जीपीटी -3 के पूर्ववर्ती जीपीटी -2 को जारी किया था कि इसका इस्तेमाल 'दुर्भावनापूर्ण तरीकों' में किया जा सकता है, जिसमें सोशल मीडिया पर अपमानजनक सामग्री बनाना, भ्रामक समाचार लेख लिखना शामिल है.
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