नई दिल्ली: एक पूर्व अमेरिकी स्कूली महिला शिक्षक को आंतकी संगठन इस्लामिक स्टेट को मदद पहुंचाने के लिए दोषी ठहराया गया है। महिला ने माना है कि वह अमेरिका पर हमले को लेकर काम कर रही थी। इसे लेकर उसने सीरिया में एक महिला यूनिट में 100 से अधिक लड़ाकों को ट्रेनिंग भी दी। कोर्ट ने कहा है कि 42 साल की एलिसन फ्ल्यूक एक्रेन ने 2011-19 के बीच सीरिया, लीबिया और इराक में आतंकी गतिविधियों में शामिल होने की बात स्वीकार की है।
न्याय विभाग ने बताया है कि एलिसन ने इस्लामिक स्टेट सैन्य बटालियन के नेता और आयोजक के तौर पर काम किया। उन्होंने महिलाओं को ऑटोमेटिक फायरिंग एके -47 राइफल, ग्रेनेड और आत्मघाती बेल्ट के इस्तेमाल को लेकर ट्रेनिंग दी थी। एलिसन ने 100 से अधिक महिलाओं को सैन्य ट्रेनिंग दी जिसमें 10-11 साल की लड़कियां भी शामिल थी।
विभाग ने बताया है कि वह अपने पति के साथ मिस्र और लीबिया में रहती थी जो कि चरमपंथी संगठन अंसार अल-शरिया से जुड़ा हुआ था। इसके बाद दोनों तुर्की और सीरिया पहुंचे जहां उसके पति इस्लामिक स्टेट के एक स्नाइपर ग्रुप के नेता बन गए। सीरिया में रहते हुए एलिसन ने अमेरिका के किसी मॉल या यूनिवर्सिटी पर बमबारी करने की इच्छा जताई थी।
2016-17 में एलिसन महिला यूनिट खतीबा नुसायबा बटालियन की नेता बनीं जिसने इस्लामिक स्टेट का समर्थन करने के लिए शारीरिक, चिकित्सा और हथियारों की ट्रेनिंग ली और दी। एलिसन को सीरिया में 2019 की शुरुआत में अमेरिकी नेतृत्व वाले गठबंधन सेना द्वारा इस्लामिक स्टेट की इलाके में हार के कुछ वक्त बाद पकड़ा गया था।
इसके बाद एलिसन को 28 जनवरी को अमेरिका में एक अज्ञात स्थान पर भेजा गया था और उस पर विदेशी आतंकी संगठन से जुड़ने और उसका समर्थन करने का आरोप लगा। इन आरोपों के तहत अमेरिका में 20 साल तक की जेल की सजा होती है। न्यूज एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट बताती है कि एलिसन को 25 अक्टूबर को सजा सुनाई जाएगी।