आज टेरर फंडिंग पर FATF की बैठक, आते-आते रह गए पाकिस्तान के 'अच्छे दिन' यूरोपीय देशों ने रोका रास्ता

फ्रांस कार्टून मुद्दे पर पाकिस्तान की प्रतिक्रिया से खुश नहीं है.

Update: 2021-02-22 02:16 GMT

पाकिस्तान (Pakistan) को अपने जिन 'अच्छे दिनों' की उम्मीद थी, वो फिलहाल अभी नहीं आने वाले. पाकिस्तान का एफएटीएफ (FATF) की 'ग्रे लिस्ट' (Grey List) से बाहर आने का रास्ता अभी साफ नहीं हुआ है. कुछ यूरोपीय देशों (European Countries) का मानना है कि इस्लामाबाद (Islamabad) ने एफएटीएफ द्वारा तय किए गए बिंदुओं को पूरी तरह से लागू नहीं किया है. रविवार को एक मीडिया रिपोर्ट ने इसकी जानकारी दी.

एफएटीएफ की टेरर फंडिंग पर निगरानी के लिए बैठक 22 फरवरी को होगी. खबरों की मानें तो इस बैठक से इमरान खान को राहत मिलने की उम्मीद नहीं है. बता दें कि एफएटीएफ ने 2018 में पाकिस्तान को 'ग्रे लिस्ट' में शामिल किया था. पाकिस्तान से 2019 के आखिर तक टेरर फंडिंग पर लगाम लगाने के लिए कार्ययोजना को लागू करने के लिए कहा गया था. हालांकि कोरोना के चलते इस समय सीमा को बढ़ा दिया गया था.
बैठक के आखिरी दिन होगा फैसला
डॉन अखबार के मुताबिक एफएटीएफ का पूर्ण सेशन 22 फरवरी से 25 फरवरी तक पेरिस में आयोजित होगा. इस बैठक में ग्रे लिस्ट में शामिल देशों पर विचार किया जाएगा, जिनमें पाकिस्तान भी शामिल है. बैठक के आखिरी दिन इस पर फैसला लिया जाएगा. इससे पहले अक्टूबर 2020 में एफएटीएफ के पूर्ण सत्र में ये फैसला लिया गया था कि पाकिस्तान को फरवरी 2021 तक ग्रे लिस्ट में रखा जाएगा क्योंकि पाकिस्तान ग्लोबल मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग के 27 में से छह दायित्वों को पूरा नहीं कर पाया है.
एफएटीएफ के आरोपों में घिरा पाक
एफएटीएफ के आरोपों में भारत के दो मोस्ट वांटेड आतंकवादी जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मौलाना मसूद अजहर और जमात-उद-दावा का मुखिया हाफिज सईद के खिलाफ उठाए गए कदम भी शामिल हैं. दोनों आतंकवादी 26/11 मुंबई अटैक और पुलवामा हमले समेत कई आतंकी गतिविधियों में अपनी भूमिका के लिए मोस्ट वांटेड हैं. पाकिस्तान में एक आधिकारिक सूत्र ने अखबार को बताया कि पाकिस्तान ने सभी दायित्वों को पूरा कर एफएटीएफ सचिवालय को ब्यौरा भी प्रस्तुत कर दिया है.
फ्रांस की मेजबानी में यूरोपीय देश खिलाफ
सूत्र ने बताया कि बैठक में पाकिस्तान की प्रतिक्रिया का मूल्यांकन किया जाएगा और सदस्यों के बीच आम सहमति से फैसला लिया जाएगा. रिपोर्ट में बताया गया है कि फ्रांस की मेजबानी में कुछ यूरोपीय देशों ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बनाए रखने की सिफारिश की है. इन देशों का कहना है कि पाकिस्तान ने सभी बिंदुओं को पूरी तरह लागू नहीं किया. एफएटीएफ को कवर करने वाले एक पत्रकार के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया है कि फ्रांस कार्टून मुद्दे पर पाकिस्तान की प्रतिक्रिया से खुश नहीं है.


Tags:    

Similar News

-->