FATF ने दिया बड़ा झटका, पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में बना रहेगा

फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की बैठक में शुक्रवार को फैसला लिया गया

Update: 2020-10-23 14:16 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की बैठक में शुक्रवार को फैसला लिया गया कि पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में ही रखा जाएगा। फ्रांस की राजधानी पेरिस में हुई इस बैठक में कहा गया कि पाकिस्तान एफएटीएफ के एक्शन प्लान के सभी 27 मापदंडों का पालन करने में असफल रहा है। इसलिए उसे ग्रे लिस्ट में ही रखा जाएगा। 

फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स का यह फैसला वैश्विक आतंकवाद की पनाहगाह बने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के एक बड़ा झटका है। इसके बाद अब पाकिस्तान के लिए विश्व मुद्रा कोष (आईएमएफ), विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक और यूरोपीय संघ जैसे अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से वित्तीय मदद हासिल करना और मुश्किल हो जाएगा। पहले से ही आर्थिक संकट का सामना कर रहे पाक की मुश्किलें अब और बढ़ेंगी।

एफएटीएफ ने पाकिस्तान को जून 2018 में 'ग्रे' सूची में डाला था

एफएटीएफ ने पाकिस्तान को जून 2018 में 'ग्रे' सूची में डाला था और इस्लामाबाद को धन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने की 27 बिंदुओं की कार्य योजना को वर्ष 2019 के अंत तक लागू करने को कहा था। कोविड महामारी की वजह से इस मियाद में वृद्धि कर दी गई।

पाकिस्तान ने 88 प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों और उनके नेताओं पर वित्तीय पाबंदी लगाई थी

गौरतलब है कि कर्ज से दबे पाकिस्तान ने एफएटीएफ की ग्रे सूची से निकलने की कोशिश के तहत अगस्त महीने में 88 प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों और उनके नेताओं पर वित्तीय पाबंदी लगाई थी। इनमें मुंबई हमले का सरगना और जमात-उद दावा प्रमुख हाफिज सईद, जैश-ए-मुहम्मद प्रमुख मसूद अजहर और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहीम भी शामिल है।

पाकिस्तान ने इस साल 3800 बार किया संघर्षविराम उल्लंघन

इस साल पाकिस्तान ने 3800 बार बिना उकसावे के नागरिक इलाकों में संघर्षविराम का उल्लंघन किया है। इसकी आड़ में आतंकियों को घुसपैठ करने में मदद की कोशिश की गई ताकि हथियार पहुंचाए जा सकें। उन्होंने कहा कि ड्रोन और क्वॉडकॉप्टर की मदद से हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी की कोशिश की जा रही है। कूटनीतिक माध्यमों और नियमित डीजीएमओ के स्तर की वार्ता से इस तरह के उल्लंघन के बारे में पाकिस्तान को लगातार अवगत कराया जा रहा है।

इसी साल फरवरी में हुई थी बैठक

इससे पहले एफएटीएफ की बैठक में फरवरी में हुई थी, जिसमें पाकिस्तान ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने में विफल रहा था। एफएटीएफ की ओर से पाकिस्तान को जून 2020 तक का समय दिया गया था। हालांकि, जून में इस समय अवधि को चार महीने के लिए और बढ़ा दिया गया था। 

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