पाकिस्तान में कट्टरपंथियों ने चर्च तोड़ लगा दी आग, बाइबिल का भी किया अपमान
विश्व: 1947 में भारत से अलग होकर इस्लामी राष्ट्र बना पाकिस्तान, अपनी कट्टरपंथी सोच और हरकतों के कारण ही इस समय आर्थिक तंगी, बदहाली, राजनितिक अस्थिरता जैसी मुश्किलों में घिरा हुआ है। पाकिस्तान द्वारा पाले गए आतंकी, आज उसे ही लहूलुहान कर रहे हैं, हालाँकि, इतना सबकुछ होने के बावजूद पड़ोसी मुल्क के सर से मजहबी कट्टरपंथ का भूत नहीं उतरा है। वहां अब भी सिख-हिन्दू-ईसाई जैसे अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है, और उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है।
इसी क्रम में पाकिस्तान के फैसलाबाद में अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ उत्पीड़न की एक चौंकाने वाली घटना में एक चर्च में तोड़फोड़ की गई और आग लगा दी गई। ऐसी खबरें हैं कि पाकिस्तानी इस्लामवादियों द्वारा पंजाब प्रांत के फैसलाबाद जिले के जरनवाला रोड पर एक चर्च में तोड़फोड़ मचाई गई है। यह घटना एक ईसाई व्यक्ति पर ईशनिंदा का इल्जाम लगाए जाने के बाद हुई। घटना के दृश्य सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। ऐसी खबरें हैं कि चर्च के आसपास के इलाके में स्थानीय लोगों द्वारा ईसाइयों के घरों में भी तोड़फोड़ की गई और आग लगा दी गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मामले को लेकर FIR दर्ज कर ली गई है और पुलिस स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है। यह घटना फैसलाबाद में एक ईसाई अल्पसंख्यक परिवार पर पवित्र कुरान का उल्लंघन करने का आरोप लगने के बाद हुई। इसके बाद मौके पर सैकड़ों लोग इकट्ठा हो गए और चर्च के शीर्ष पर चढ़ गए और चर्च में तोड़फोड़ की। इसके बाद उन्होंने चर्च में आग लगा दी। भीड़ चर्च में तोड़फोड़ करते हुए इस्लामी नारे लगा रही थी। इलाके में ईसाइयों के घरों में भी तोड़फोड़ किये जाने की खबर है। बता दें कि, पिछले कई वर्षों में पाकिस्तान से अल्पसंख्यक हिंदुओं, सिखों, ईसाईयों और अहमदियाओं पर अत्याचार के सैकड़ों मामले सामने आए हैं। देश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार की कई घटनाएं हो रही हैं।
बिशप आजाद मार्शल ने इस घटना की आलोचना करते हुए कहा है कि "यह लिखते समय मेरे पास शब्द नहीं हैं। हम, बिशप, पुजारी और आम लोग पाकिस्तान के फैसलाबाद जिले में जरनवाला घटना पर बहुत दुखी और व्यथित हैं। एक चर्च की इमारत को जलाया जा रहा है। बाइबिल का अपमान किया गया है और पवित्र कुरान का उल्लंघन करने का झूठा आरोप लगाकर ईसाइयों को प्रताड़ित और परेशान किया गया है। हम कानून प्रवर्तन और न्याय देने वालों से न्याय और कार्रवाई की मांग करते हैं और सभी नागरिकों की सुरक्षा के लिए तुरंत हस्तक्षेप करें और हमें आश्वस्त करें कि हमारी अपनी मातृभूमि में हमारा जीवन मूल्यवान है, जिसने अभी-अभी स्वतंत्रता और आज़ादी का जश्न मनाया है।"