Facebook को चुनाव में धांधली से फर्क नहीं पड़ता, हुआ खुलासा

साथ फेसबुक की कार्यप्रणाली समझाने की कोशिश की।

Update: 2021-05-18 03:47 GMT

अपने से पूछे सवालों का फेसबुक साफ जवाब नहीं देता। इसे ऐसे समझे, कोई आदमी अपनी पत्नी से पूछे कि 'क्या तुमने आज घर साफ किया?' तो जवाब में पत्नी कहे कि मैं घर की सफाई को पूरी प्राथमिकता देती हूं।' जवाब से पति नहीं समझ पाएगा कि आज घर साफ हुआ या नहीं? विवादित मुद्दों पर फेसबुक के जवाब भी ऐसे ही होते हैं।

पूर्व कर्मचारी सोफी झांग से जानिए विवादों पर कैसे हथकंडे अपनाता है फेसबुक
तीन साल फेसबुक की डाटा साइंटिस्ट रही सोफी झांग को 2020 में फेसबुक ने नौकरी से निकाल दिया था। इसकी वजह कई देशों के चुनाव को फेसबुक प्लेटफार्म के दुरुपयोग से प्रभावित करने और फेसबुक द्वारा सब कुछ जानते हुए भी मामले को दबाने के सोफी की वजह से हुए खुलासों को माना जाता है। सोफी का कहना है कि अगर फेसबुक को चुनाव में धांधली से फर्क पड़ता, तो कम से कम मुझे नौकरी से नहीं निकालता।
फेसबुक छोड़ते समय सोफी के 7,800 शब्दों के विदाई संदेश में फेसबुक द्वारा कई देशों में लोकतंत्र तबाह करने की कारस्तानी सामने आई। भारत, ब्राजील, अज़रबैजान, होंडुरास आदि में चुनावों के समय मतदाताओं की सोच को अभियान चलाकर प्रभावित किया जा रहा था। फेसबुक की पूर्व कर्मचारी सोफी झांग ने एक इंटरव्यू में इस उदाहरण के साथ फेसबुक की कार्यप्रणाली समझाने की कोशिश की।


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