अमेरिका से एफ-16 नहीं मिला, रूस से सुखोई एसयू-35 खरीदेगा तुर्की
इस विमान की लंबाई 23.34 मीटर, पंखों का फैलाव 14.7 मीटर और ऊंचाई 6.9 मीटर है।
तुर्की ने अमेरिका को धमकी दी है कि अगर उसे F-16 लड़ाकू विमान नहीं मिला तो वह रूस से सुखोई Su-35 की खरीद करेगा। तुर्की के डिफेंस इंडस्ट्री एजेंसी के प्रमुख इस्माइल डेमिर ने कहा कि F-16 सौदे की विफलता की स्थिति में रूस के एसयू-35 को विकल्प के तौर पर देख रहे हैं। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने गुरुवार को कहा कि वह जल्द की एफ-16 लड़ाकू विमानों की खरीद पर चर्चा करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ टेलीफोन पर बातचीत करेंगे। दरअसल, अमेरिका ने ग्रीस से तनाव के कारण तुर्की को एफ-16 की बिक्री पर प्रतिबंध लगा रखा है। अमेरिका ने 2019 में रूस से एस-400 मिसाइल सिस्टम को खरीदने पर भी एफ-35 प्रोग्राम से पूरी तरह से बाहर कर दिया था।
एफ-16 बेचने पर तुर्की से यह गारंटी मांग रहा अमेरिका
इसी साल जुलाई में अमेरिकी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव ने तुर्की को लेकर राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण अधिनियम में एक संशोधन पारित किया था। इसमें तुर्की को F-16 लड़ाकू विमानों की बिक्री पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए थे। इसमें कहा गया था कि अगर तुर्की को एफ-16 बेचा गया तो उसके लिए अमेरिकी राष्ट्रपति की ओर से आश्वासन की आवश्यकता होगी कि इन लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल ग्रीस में अनधिकृत क्षेत्रीय उड़ानों के लिए नहीं किया जाएगा। इतना ही नहीं, इन लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल ग्रीस के खिलाफ आक्रमण के लिए भी नहीं किया जाएगा।
एस-400 खरीदने पर अमेरिका ने एफ-35 प्रोग्राम से हटाया
2019 में अमेरिका ने रूसी S-400 वायु रक्षा प्रणाली की खरीद पर अपने F-35 कार्यक्रम में तुर्की की भागीदारी को निलंबित कर दिया था। बाद में अमेरिका ने इस परियोजना से तुर्की को पूरी तरह से बाहर कर दिया। F-35 परियोजना में शेष सात भागीदारों में यूके, इटली, नीदरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क, कनाडा और नॉर्वे शामिल हैं। पिछले साल, एर्दोगन ने घोषणा की कि अमेरिका ने तुर्की को पांचवी पीढ़ी के एफ-35 की जगह एफ-16 की खरीद का प्रस्ताव दिया है।
कितना ताकतवर है एसयू-35
सुखोई एसयू-34 रूस का ट्विन-इंजन, ट्विन-सीट, ऑल वेदर सुपरसोनिक मीडियम-रेंज फाइटर-बॉम्बर/स्ट्राइक एयरक्राफ्ट है। इसने पहली बार 1990 में सोवियत वायु सेना के लिए उड़ान भरी थी। बाद में इसे साल 2014 में रूसी वायु सेना में कुछ मोडिफिकेशन के बाद शामिल किया गया। यह लड़ाकू विमान सुखोई एसयू-27 फ्लैंकर एयर सुपीरियरिटी फाइटर जेट पर आधारित है। एसयू-34 में बख्तरबंद कॉकपिट है, जिससे हमले के दौरान अंदर बैठे पायलटों को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है। अभी तक इस लड़ाकू विमान के कुल 147 यूनिट का निर्माण किया गया है, जो सभी रूसी वायु सेना में ही तैनात हैं। इस विमान की लंबाई 23.34 मीटर, पंखों का फैलाव 14.7 मीटर और ऊंचाई 6.9 मीटर है।