पाकिस्‍तान में कट्टरपंथियों ने हिंदू मंदिर को बनाया निशाना, 22 महीने में 11वां हमला

आबादी का 23 प्रतिशत हिंदू, ईसाई, सिख जैसे अल्‍पसंख्‍यक थे।

Update: 2022-01-26 10:53 GMT

सिंध: इमरान खान के तमाम दावों के विपरीत पाकिस्‍तान में मुस्लिम कट्टरपंथियों ने देश में एक बार फिर से हिंदू मंदिर को निशाना बनाया है। बताया जा रहा है कि पाकिस्‍तान के सिंध प्रांत के थार पार्कर ज‍िले के खत्री मोहल्‍ला में रविवार को मुस्लिम कट्टरपंथियों ने हिंगलाज माता मंदिर को निशाना बनाया और उसे बर्बाद कर दिया। पाकिस्‍तान में पिछले 22 महीने में हिंदू मंदिरों पर यह 11वां हमला है

इस हमले के बाद पाकिस्‍तान हिंदू मंदिर प्रबंधन के अध्‍यक्ष कृशेन शर्मा मौके पर पहुंचे और मीडिया से बातचीत में कहा कि इस्‍लामिक कट्टरपंथी पाकिस्‍तान के सुप्रीम कोर्ट और पाकिस्‍तान की सरकार से भी नहीं डर रहे हैं। इस बीच हिंदुओं ने मंदिर पर हमले के विरोध में विरोध मार्च निकाला है। पाकिस्‍तान में अक्‍सर अल्‍पसंख्‍यकों को धार्मिक स्‍थलों को मुस्लिम कट्टरपंथी निशाना बनाते रहते हैं। ऐसा तब है जब इमरान सरकार ने दावा किया था कि अल्‍पसंख्‍यकों को सुरक्षा दी जाएगी।
कट्टरपंथी लगातार हिंदुओं के धर्मस्‍थलों पर हमले कर रहे
इससे पहले गत दिसंबर महीने में पाकिस्‍तान की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले कराची शहर में एक हिंदू मंदिर में कट्टरपंथियों की भीड़ ने हमला करके मां दुर्गा की मूर्ति के धड़ को तोड़ दिया था। कट्टरपंथियों ने मंदिर में काफी तोड़फोड़ भी की है। कराची में बड़ी संख्‍या में हिंदू रहते हैं। कट्टरपंथियों ने कराची के नरियान पूरा हिंदू मंदिर पर हमला किया था। इस हमले में जहां एक मूर्ति का धड़ अलग कर दिया गया है, वहीं मां दुर्गा की दूसरी मूर्ति को काफी नुकसान पहुंचा गया था। उन्‍होंने पूरा मंदिर तहस-नहस कर दिया।
पाकिस्‍तान में ये हमले ऐसे समय पर हो रहे हैं, जब सुप्रीम कोर्ट लगातार नोटिस जारी कर रहा है और इमरान खान सरकार दावा कर रही है कि वे मंदिरों की रक्षा कर रहे हैं। हालांकि इमरान खान का यह दावा खोखला साबित हो रहा है और कट्टरपंथी लगातार पाकिस्‍तान में हिंदुओं के धर्मस्‍थलों पर हमले कर रहे हैं। अभी कुछ महीने पहले पाकिस्तान के पंजाब सूबे में गणेश मंदिर पर कट्टरपंथियों ने हमला करके मंदिर को तहस-नहस कर दिया था।
अल्‍पसंख्‍यकों के लिए नरक बना पाकिस्‍तान
इस हमले के बाद पूरी दुनिया में काफी तीखी आलोचना हुई तो प्रधानमंत्री इमरान खान ने 24 घंटे बाद चुप्पी तोड़ी थी। इमरान खान ने यह भी वादा किया है कि उनकी सरकार इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाएगी। इससे पहले भी इमरान खान ने इस्लामाबाद में एक मंदिर निर्माण का वादा किया था, लेकिन कट्टरपंथियों के विरोध के कारण उन्होंने अपने वादे को तोड़ दिया था। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि पाकिस्‍तान अल्‍पसंख्‍यक लोगों के लिए नरक बन चुका है और इसकी शुरुआत आजादी के बाद से ही शुरू हो गई थी। उन्‍होंने बताया कि आजादी के समय वर्ष 1947 में पाकिस्‍तान की कुल आबादी का 23 प्रतिशत हिंदू, ईसाई, सिख जैसे अल्‍पसंख्‍यक थे।


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