एक्सपर्ट्स की राय, तालिबान के जरिये FATF से बचने के लिए अमेरिका को साधेगा पाकिस्तान

एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर आने के लिए पाकिस्तान तालिबान के जरिये अमेरिका का समर्थन पाने की कोशिश करेगा।

Update: 2021-09-02 15:50 GMT

नई दिल्ली, एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर आने के लिए पाकिस्तान तालिबान के जरिये अमेरिका का समर्थन पाने की कोशिश करेगा। रणनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार वह इसके लिए तालिबान पर अलकायदा और हक्कानी नेटवर्क से दबाव डलवाएगा। तालिबान के अफगानिस्तान में कब्जा करने में इन दोनों ही आतंकी संगठनों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। तालिबान भी यह समझता है कि इन संगठनों पर पाकिस्तान का बहुत प्रभाव है।

पाकिस्तान के नेता इसके लिए काबुल हवाई अड्डे पर इस्लामिक स्टेट-खुरासान के हमले की घटना को भी इस्तेमाल करने की कोशिश करेंगे। वह यह दिखाने की कोशिश करेंगे कि इस्लामिक स्टेट-खुरासान से लड़ने के लिए वह और तालिबान महत्वपूर्ण साझेदार साबित हो सकते हैं।  फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की अक्टूबर में होने जा रही बैठक में फैसला किया जाना है कि पाक को ग्रे लिस्ट से हटाया जाए या ब्लैक लिस्ट में डाल दिया जाए।

हालांकि पूर्व राजनयिक अनिल त्रिगुणायत ने कहा कि हक्कानी संगठन को कई देशों ने प्रतिबंधित किया हुआ है। यही नहीं अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति ने सीधे आरोप लगाया था कि पाकिस्तान से आए दस हजार से ज्यादा आतंकी तालिबान के साथ मिलकर युद्ध कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में पाकिस्तान इन आतंकियों से अपने संबंध होने से कैसे इन्कार कर सकता है। उन्होंने बताया कि अमेरिका को एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में आने के बाद से काफी नुकसान हो रहा है। पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र की सूची में शामिल आतंकवादियों को भी पूरा संरक्षण देता रहा है। ऐसी स्थिति में देखना होगा कि वह इस जुगत में कितना कामयाब होता है।
Tags:    

Similar News

-->