विशेषज्ञों ने कहा है कि- गृहयुद्ध के कगार पर है पाकिस्तान
नीति निर्माताओं से सवाल पूछते हैं उन्हें विदेशी एजेंट या देशद्रोही करार दे दिया जाता है।
विशेषज्ञों ने कहा है कि पाकिस्तान एक तरफ आर्थिक संकट से जूझ रहा है और दूसरी तरफ देश में आतंकवाद और हिंसा को देखते हुए गृहयुद्ध जैसे हालात बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी बांग्लादेश का जन्म गृहयुद्ध का ही नतीजा रहा है। एशिया टाइम्स में इरफान राजा ने कहा है कि जब तक असमानता और अन्याय की वृद्धि पाक में अनियंत्रित रहेगी, इस देश के टूटने की संभावना अधिक रहेगी।
इरफान राजा ने कहा कि पाकिस्तान में कुशासन, भ्रष्टाचार और गरीबी निश्चित रूप से ऐसे हालात में हैं जो किसी भी समाज में घृणा और हिंसा को भड़का सकते हैं। इसके अलावा असमानता और अन्याय भी देश को दूसरे गृहयुद्ध की आग में धकेल सकते हैं। उन्होंने इसके लिए सामंती समाज के कामकाज और शिक्षा व बौद्धिक विकास को आम लोगों से दूर रखना भी इसके कारण गिनाए।
एशिया टाइम्स ने कहा कि आजादी के 73 साल बाद भी पाकिस्तान अपने अस्तित्व के उद्देश्य को पाने में नाकाम रहा है। यह न तो इस्लामी कल्याणकारी देश है और न ही लोकतांत्रिक उदार राष्ट्र बन पाया है। इरफान राजा ने कहा कि इसके बजाय यह देश एक असहिष्णु देश बनकर रह गया है, क्योंकि लोग जैसे ही नीति निर्माताओं से सवाल पूछते हैं उन्हें विदेशी एजेंट या देशद्रोही करार दे दिया जाता है।