विशेषज्ञों का दावा: RTPCR और एंटीजन के अलावा इस तरीके से भी कर सकते हैं कोविड-19 की जांच
कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते मामलों
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते मामलों ने लोगों की चिंता एकबार फिर से बढ़ा दी है। मामलों की पुष्टि करने के लिए अबतक आरटीपीसीआर और एंटीजन टेस्ट किए जाते रहे हैं। आरटीपीसीआर टेस्ट के दौरान नाक या गले से स्वैब का सैंपल लिया जाता है जबकि टेस्ट किट के माध्यम से एंटीजन टेस्ट किया जाता है। हालिया रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने दावा किया है कि नॉन-इनवेसिव स्किन स्वैब के नमूने भी कोरोनावायरस का पता लगाने के लिए पर्याप्त हो सकते हैं। इतना ही नहीं दावा यह भी किया जा रहा है कि इसका परिणाम भी तेजी से प्राप्त किया जा सकता है। इस अध्ययन को लैंसेट ई क्लीनिकल जर्नल में प्रकाशित किया गया है।
ब्रिटेन स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ सरे के शोधकर्ताओं ने अध्ययन के आधार पर जारी की गई रिपोर्ट में बताया कि शरीर की वसाग्रस्त ग्रंथियों से निर्मित होने वाले सीबम की मदद से भी वायरस का पता लगाया जा सकता है। सीबम, एक प्रकार का तैलीय पदार्थ होता है जो वायरस की प्रकृति की पहचान करने में सहायक हो सकता है। अध्ययन की पुष्टि के लिए शोधकर्ताओं ने 67 मरीजों के सीबम के सैंपल लिए। परीक्षण में 67 में से 30 को कोरोना पॉजिटिव पाया गया।
सीबम से कैसे किया जाता है परीक्षण?
सीबम के माध्यम से कोरोना के मामलों की पुष्टि के लिए सबसे पहले पीठ या फिर चेहरे की त्वचा को रगड़कर सैंपल लिया जाता है। सैंपल के माध्यम से प्राप्त पॉजिटिव और निगेटिव मामलों के बीच के अंतर को पता करने के लिए विशेषज्ञों ने नमूनों का विश्लेषण भी किया। इस विश्लेषण में विशेषज्ञों को एक और खास बात का पता चला।
पॉजिटिव और निगेटिव मामलों के अंतर के विश्लेषण के दौरान विशेषज्ञों ने पाया कि जिन रोगियों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव थी उनमें निगेटिव मामले वाले रोगियों की तुलना में लिपिड का स्तर कम पाया गया।