कोरोना काल में भी इन देशों में नहीं रुका 'मौत की सजा' का सिलसिला
एक तरफ कोरोना वायरस महामारी दुनियाभर के 30 लाख से अधिक लोगों की जान ले चुकी है
एक तरफ कोरोना वायरस महामारी दुनियाभर के 30 लाख से अधिक लोगों की जान ले चुकी है. लोगों को मौत के मुंह से निकालने के लिए हर कोई अपने स्तर पर कोशिश कर रहा है. वहीं दूसरी ओर दुनिया के कुछ देश ऐसे हैं, जिन्होंने इस वक्त में भी सबसे ज्यादा मौत की सजा तामील की हैं.
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि साल 2020 में ऐसा करने वाले टॉप 5 में से चार मध्यपूर्व के देश हैं. 2020 में दुनियाभर के 483 लोगों की सजा पूरी हुई है. इनमें से 425 मौत ईरान, मिस्र, इराक और सऊदी अरब में हुई हैं. जो कुल दी गई मौत की सजा का 88 फीसदी है.
कोरोना वायरस महामारी के बीच मौत की सजा दिए जाने को लेकर बेशक इन देशों की आलोचना हो रही है. लेकिन इस दशक में किसी एक साल का सबसे छोटा आंकड़ा भी यही है. चीन ने अपने यहां के आंकड़े नहीं बताए हैं. ऐसा माना जाता है कि चीन हर साल हजारों लोगों को फांसी देता है, लेकिन उसने इस बार कोरोना महामारी का बहाना बनाया है.
चीन ने अपने यहां के 2020 के आंकड़ों को स्टेट सीक्रेट घोषित कर दिया है. साथ ही इसे प्रकाशित किए जाने पर भी रोक लगा दी है. एमनेस्टी ने बुधवार को अपनी इस वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि 2019 में मध्यपूर्व और अफ्रीका में 579 लोगों को मौत की सजा दी गई थी.
रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में ये आंकड़ा कम होकर 483 इसलिए हो गया है क्योंकि इस दौरान सऊदी अरब और इराक में सजा की तामील में गिरावट आई है. इस मामले में सऊदी अरब में 85 फीसदी की कमी आई है. यहां बीते साल 27 लोगों को सजा दी गई है.
इराक में 50 फीसदी तक की कमी आई है. यहां 2020 में 45 लोगों को मौत की सजा दी गई है. दुनियाभर के अन्य देशों की बात करें तो मिस्र में मौत की सजा दिए जाने के मामले में सबसे बड़ी गिरावट आई है. यहां 2019 के मुकाबले 2020 में सजा की तामील में 300 फीसदी तक की कमी आई है.