शहर सूमी में फंसे नागरिकों को निकालना शुरू, रूस की गोलाबारी ने रोकी थी निकासी
लेकिन भारी गोलाबारी तथा हवाई हमलों के कारण इसमें अभी तक बहुत कम सफलता मिली है.
यूक्रेन (Ukraine) ने मंगलवार को उत्तरपूर्वी शहर सूमी (Sumy City) और इरपिन (Irpin City) में युद्ध के बीच फंसे नागरिकों को निकालना शुरू कर दिया है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने कीव (Kyiv) में मौजूद अधिकारियों के हवाले से इसकी जानकारी दी है. रूसी और यूक्रेनी दोनों अधिकारियों द्वारा ह्यूमैनेटेरियन कॉरिडोर बनाने पर सहमत होने के बाद नागरिकों की निकासी शुरू की गई है. कॉरिडोर के जरिए रूसी सैनिकों (Russian Troops) द्वारा कब्जाए गए इलाकों से लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा रहा है. यहां पर भारतीय नागरिक (Indians in Sumy) भी फंसे हुए हैं और बताया गया है कि उनकी संख्या 700 के करीब है.
यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की के सलाहकार मायखाइलो पोडोलयक ने एक बयान में कहा कि दोनों पक्ष सीजफायर को लेकर बातचीत करेंगे. रूस और यूक्रेन की सेनाओं के बीच लगातार 13वें दिन भीषण लड़ाई के बीच लोगों को निकालने की प्रक्रिया शुरू हुई है. समाचार एजेंसी एएफपी ने बताया कि सूमी में हवाई हमले में दो बच्चों सहित नौ लोगों की मौत हो गई. सूमी वह शहर है जो भयंकर लड़ाई का गवाह बन रहा है. चीनी, भारतीयों और अन्य विदेशियों सहित नागरिकों को निकालने के लिए शहर से पोल्टावा तक एक ह्यूमैनेटेरियन कॉरिडोर स्थापित किया गया है. सूमी राजधानी कीव से 350 किलोमीटर पूर्व में मौजूद है.
सूमी से बाहर निकाले जा रहे हैं भारतीय
वहीं, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने मंगलवार को इस बात की पुष्टि की कि युद्धग्रस्त यूक्रेन के सूमी शहर में फंसे भारतीय छात्रों को निकालने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और उन्हें बसों में पोल्टावा ले जाया जा रहा है. केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'कल रात, मैंने कंट्रोल रूम से जांच की. सूमी में 694 भारतीय छात्र थे. आज ये सभी पोल्टावा के लिए बसों में रवाना हुए हैं.' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) और यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की से बात की. इस दौरान उन्होंने सूमी शहर से भारतीय छात्रों को बाहर निकालने को लेकर चर्चा की.
'ऑपरेशन गंगा' के तहत हो रही है भारतीयों की वापसी
भारत अभी तक युद्धग्रस्त यूक्रेन से अपने 20,000 से अधिक नागरिकों की सुरक्षित वापसी कराने में कामयाब रहा है. भारत सरकार ने 'ऑपरेशन गंगा' शुरू किया है, जिसके तहत वह फंसे हुए भारतीयों (जिनमें ज्यादातर छात्र हैं) को यूक्रेन की पश्चिमी सीमाओं से लगे देशों से स्वदेश ला रहा है. भारतीय नागरिकों को घर लाने के लिए 80 से अधिक निकासी उड़ानों का संचालन किया गया. दरअसल, सूमी में 700 के करीब छात्र फंसे हुए थे, जो पिछले कुछ दिनों से रूसी और यूक्रेनी सैनिकों के बीच भीषण लड़ाई के गवाह बने. भारत शहर से अपने नागरिकों को निकालने के लगातार प्रयास कर रहा है, लेकिन भारी गोलाबारी तथा हवाई हमलों के कारण इसमें अभी तक बहुत कम सफलता मिली है.