यूरोप में तीसरी लहर की चेतावनी, तेजी से फैल रहा डेल्टा वैरिएंट

यूरोप में फैल रहा डेल्टा वैरिएंट

Update: 2021-07-01 13:07 GMT

दुनिया में कोरोना के डेल्टा वैरिएंट का कहर बढ़ता जा रहा है। यह तेजी से फैल रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बताया कि यह वैरिएंट 96 देशों तक पहुंच चुका है। साथ ही आगाह किया कि आने वाले महीनों में कोरोना का यह बेहद संक्रामक स्वरूप विश्वभर में हावी हो जाएगा। यह वैरिएंट सबसे पहले भारत में पाया गया था। डब्ल्यूएचओ के साप्ताहिक डाटा के अनुसार, मंगलवार तक दुनिया के 96 देशों में डेल्टा वैरिएंट के मामले पाए गए।

नए वैरिएंट के हावी होने की आशंका
यह संभव है कि वास्तविक आंकड़ा अधिक हो सकता है क्योंकि वायरस के इस स्वरूप की पहचान के लिए जिनोम सीक्वेंसिंग क्षमताएं सीमित हैं। कई देशों ने बताया है कि उनके यहां डेल्टा के कारण संक्रमण बढ़ रहा है। अस्पतालों में इस वैरिएंट के मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है। इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र की इस स्वास्थ्य एजेंसी ने चेताया है कि आने वाले महीनों में डेल्टा वैरिएंट के सबसे हावी होने का अंदेशा है।
यूरोप में तीसरी लहर की चेतावनी
समाचार एजेंसी रायटर के अनुसार, डब्ल्यूएचओ ने यूरोप में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चेतावनी दी है। डब्ल्यूएचओ के यूरोप मामलों के प्रमुख हंस क्लूगे ने कहा कि यूरोप में कोरोना के नए मामलों में दस हफ्ते से जारी गिरावट का दौर खत्म होने वाला है। अगर लोग अनुशासित नहीं रहे तो एक और लहर को टाला नहीं जा सकता है।
डेल्टा सबसे संक्रामक
पिछले हफ्ते डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेबरेसस ने कहा था कि अब तक कोरोना के जितने वैरिएंट की पहचान हुई है, उनमें से डेल्टा सबसे संक्रामक है। यह वैरिएंट उन लोगों में तेजी से फैल रहा है, जिनको कोरोना रोधी टीका नहीं लगा है। उन्होंने कहा, 'कुछ देशों ने पाबंदियों में ढील दी है, जिसके कारण विश्व में संक्रमण बढ़ रहा है।' ताजा डाटा के मुताबिक, अल्फा वैरिएंट के मामले 172 देशों में मिले हैं। बीटा के 120 और गामा के 72 देशों में मामले पाए गए हैं।
सितंबर तक 10 फीसद आबादी को वैक्सीन लगाने की अपील
समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस ने गुरुवार को प्रत्येक देश से सितंबर तक अपनी दस फीसद आबादी को वैक्सीन लगाने की अपील की। इसके साथ ही उन्होंने आगाह किया, 'जब तक हम हर जगह महामारी खत्म कर नहीं कर देंगे, तब तक इसे पूरी तरह खत्म नहीं कर पाएंगे।' उन्होंने यह चिंता जाहिर करते हुए कहा कि कई देश टीकाकरण में काफी आगे निकल गए हैं, जबकि कुछ देशों के पास अपने स्वास्थ्यकर्मियों, बुजुर्गो और अन्य खतरे वाले लोगों के लिए पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन नहीं है।
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