यूरोपीय संघ ने राजनीतिक संकट के मद्देनजर लेबनानी नेताओं को दी चेतावनी
केवल अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ एक तत्काल समझौता ही देश को वित्तीय पतन से बचाएगा.''
यूरोपीय संघ (European Union) की विदेश नीति प्रमुख जोसेप बोरेल ने नया मंत्रिमंडल (New Cabinet) बनाने में देरी के लिए शनिवार को लेबनान (Lebanon) के नेताओं की आलोचना की. साथ ही चेतावनी दी कि संघ उन लोगों पर प्रतिबंध लगा सकता है, जो संकटग्रस्त देश में राजनीतिक गतिरोध के पीछे हैं. बोरेल ने यह टिप्पणी राजधानी बेरूत के पास राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति माइकल औन के साथ मुलाकात के बाद की. लेबनान की दो दिवसीय यात्रा के दौरान यह पहली बैठक थी. बोरेल की यह टिप्पणी लेबनानी मीडिया में यह खबरें आने के बीच आई है कि फ्रांस और यूरोपीय संघ कुछ नेताओं पर संभावित यात्रा प्रतिबंध व उनकी संपत्ति पर रोक लगाने पर विचार कर रहे हैं.
बोरेल ने कहा कि लेबनानी नेताओं को जल्द एक नई सरकार बनानी चाहिए, सुधारों को लागू करना चाहिए. साथ ही छोटे देश को आर्थिक और वित्तीय संकट से बाहर निकालने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ एक समझौता करना चाहिए. लेबनान में आर्थिक संकट दशकों के भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन के चलते 2019 के अंत में शुरू हुआ व हाल के महीनों में तेज हो गया है. विश्व बैंक ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि यह संकट 150 से अधिक वर्षों में दुनिया के सबसे खराब संकट में से एक हो सकता है.
औन और उनके दामाद गेब्रान बासिल के बीच सत्ता संघर्ष
नामित प्रधानमंत्री साद हरीरी और दूसरी तरफ औन और उनके दामाद गेब्रान बासिल के बीच सत्ता संघर्ष शुरू हो गया है. हरीरी को अक्टूबर में एक नई सरकार बनाने के लिए नामित किया गया था और वह अब तक इसमें सफल नहीं हुए हैं. चार अगस्त को बेरूत में हुए एक बड़े विस्फोट के कुछ दिनों बाद प्रधानमंत्री हसन दीब की सरकार ने इस्तीफा दे दिया था, जिसमें 211 लोग मारे गए थे और 6,000 से अधिक अन्य घायल हो गए थे.
बोरेल ने कहा, ''हम यह नहीं समझ पा रहे कि क्यों प्रधानमंत्री के इस्तीफे के नौ महीने बाद भी लेबनान में कोई सरकार नहीं है. केवल अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ एक तत्काल समझौता ही देश को वित्तीय पतन से बचाएगा.''