यूरोपीय संघ-NATO ने की रूस के कदम की निंदा, लगाएंगे नए प्रतिबंध

Update: 2022-02-22 01:32 GMT

रूस ने यूक्रेन के साथ बने युद्ध के हालातों के बीच बड़ा कदम उठाया है. रूस ने पूर्वी यूक्रेन के डोनेत्स्क और लुगंस्क को अलग देश के रूप में मान्यता देने का ऐलान कर दिया है. साथ ही रूस के राष्ट्रपति ने विद्रोहियों के साथ जल्द ही समझौतों पर हस्ताक्षर करने की भी बात कही है. इसे रूस की ओर से यूक्रेन में सेना भेजने की दिशा में उठाए गए कदम के रूप में देखा जा रहा है. पुतिन के ताजा ऐलान के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की की भी प्रतिक्रिया आई है. जेलेंस्की ने कहा कि विद्रोहियों को मान्यता देने के रूस के फैसले से उनको किसी तरह का डर नहीं है. उन्होंने उम्मीद जताई कि यूक्रेन की सरकार को पश्चिम देशों से पूरा समर्थन मिलेगा.

संयूक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद भी आज यूक्रेन मसले पर मीटिंग करेगा. यूक्रेन पर होने वाली यह मीटिंग एक ओपन मीटिंग होगी. इसमें भारत भी अपना पक्ष रखेगा. रूस के इस कदम की यूरोपीय संघ, नाटो के साथ ही अमेरिका और कई देशों ने निंदा की है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की भी इसपर प्रतिक्रिया आई है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने फ्रांसीसी समकक्ष इमैनुएल मैक्रों के साथ ही जर्मन चांसलर से भी फोन पर बात की है. समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक तीनों नेता इस बात पर सहमत हुए हैं कि रूस के इस कदम का जवाब दिया जाना चाहिए. अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक आदेश पर भी हस्ताक्षर किया है. इस आदेश के जरिये यूक्रेन के तथाकथित डीपीआर (Donetsk) और एलपीआर (Lugansk) क्षेत्र में अमेरिकी नागरिकों के निवेश और व्यापार को प्रतिबंधित किया गया है.

ब्रिटेन ने रूस पर प्रतिबंध लगाने की बात कही है. यूके की तरफ से कहा गया है कि आज मंगलवार को सरकार की तरफ से रूस पर कुछ नए प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं. रूस के ताजा कदम को यूके ने अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन माना है. इसे यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर हमला बताया गया है. एस्टोनिया की प्रधानमंत्री काजा कल्लास ने भी रूस के कदम की निंदा करते हुए इसे यूक्रेन की अखंडता का उल्लंघन बताया है. एस्टोनिया की प्रधानमंत्री ने कहा है कि रूस कूटनीतिक दरवाजे बंद कर युद्ध के लिए बहाने बना रहा है. यूरोपीय संघ के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल (Charles Michel) और यूरोपीय आयोग के प्रेसिडेंट उर्सुला वॉन डर लेयेन (Ursula von der Leyen) ने संयुक्त बयान जारी कर रूस के इस कदम की निंदा की है.

यूरोपीय संघ और यूरोपीय आयोग के प्रमुख की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि रूस का यह कदम अंतरराष्ट्रीय कानून के साथ ही मिन्स्क समझौते का भी उल्लंघन है. यूरोपीय संघ ने इसके जवाब में प्रतिबंध लगाने की बात कही है. यूरोपीय संघ ने ये भी कहा है कि यूक्रेन की सीमा के भीतर उसकी स्वतंत्रता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए हम अपने अटूट समर्थन को दोहराते हैं. नाटो ने भी रूस के इस कदम पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त किया है. नाटो के सेक्रेटरी जनरल जेंस स्टॉल्टेनबर्ग ने रूस के इस फैसले की निंदा करते हुए कहा है कि इससे यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता कमजोर होगी और संघर्ष के समाधान की दिशा में चल रहे प्रयासों को झटका लगेगा. ये मिंस्क समझौते का उल्लंघन भी है. उन्होंने कहा कि 2015 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने यूक्रेन की संप्रभुता, स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान की पुष्टि की थी जिसमें रूस भी शामिल था. डोनेत्स्क और लुगंस्क, यूक्रेन का हिस्सा हैं.

नाटो के सेक्रेटरी जनरल ने कहा कि मॉस्को ने अलगाववादियों को वित्तीय और सैन्य सहायता देकर पूर्वी यूक्रेन में संघर्ष को बढ़ावा देना जारी रखा है. रूस फिर से यूक्रेन पर आक्रमण करने का बहाना खोज रहा है. नाटो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त अपनी सीमा के अंदर यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का समर्थन करता है. उन्होंने ये भी कहा कि मित्र देशों ने रूस से कूटनीति का रास्ता चुनने का आग्रह किया और ये भी कहा कि यूक्रेन के आसपास बड़े पैमाने पर तैनात सेना को तुरंत हटाया जाए.


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