एरिक्सन ने एपल पर दर्ज कराया केस, कहा- बिना लाइसेंस हासिल किए ही आईफोन में इस्तेमाल हो रही 5जी तकनीक
स्वीडन की संचार उपकरण निर्माता कंपनी एरिक्सन ने अमेरिका की मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग कंपनी एपल पर पेटेंट उल्लंघन का आरोप लगाते हुए केस दायर करवाया है। एरिक्सन का आरोप है
स्वीडन की संचार उपकरण निर्माता कंपनी एरिक्सन ने अमेरिका की मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग कंपनी एपल पर पेटेंट उल्लंघन का आरोप लगाते हुए केस दायर करवाया है। एरिक्सन का आरोप है कि एपल ने रॉयल्टी का पेमेंट किए बिना ही अपने आईफोन में उसकी 5जी वायरलैस तकनीक का इस्तेमाल जारी रखा है।
गौरतलब है कि दोनों कंपनियां पहले ही एक-दूसरे के खिलाफ अमेरिकी अदालत में केस कर चुकी हैं। दोनों ने इससे पहले 2015 में हुए सात साल के टेलीकॉम पेटेंट समझौते को आगे बढ़ाने के लिए बातचीत शुरू की थी। लेकिन लाइसेंसिंग को लेकर एरिक्सन और एपल में बात नहीं बन पाई, जिसके चलते दोनों कंपनियां एक-दूसरे को कोर्ट ले गई हैं।
एरिक्सन ने इससे पहले अक्तूबर में एपल पर केस दर्ज कराया था। कंपनी का कहना था कि एपल ने गलत तरह से उसकी रॉयल्टी को कम कर दिया। वहीं, एपल ने दिसंबर में एरिक्सन के खिलाफ वाद दायर कराया और आरोप लगाया कि स्वीडन की कंपनी पेटेंट को रीन्यू कराने के लिए जबरदस्ती कर रही है।
एरिक्सन के प्रवक्ता ने एपल पर दायर इस नए केस को लेकर कहा, "हमारी 5जी वायरलैस तकनीक के इस्तेमाल को लेकर एपल के साथ हुए समझौते की समयसीमा खत्म हो चुकी है और दोनों ही कंपनियां लाइसेंस को लेकर फिर से समझौता नहीं कर सकी हैं। इसलिए एपल का हमारी तकनीक इस्तेमाल करना गैरकानूनी है और वह फिलहाल हमारी तकनीक बिना लाइसेंस के इस्तेमाल कर रहा है।" एरिक्सन के इन आरोपों पर एपल की तरफ से फिलहाल कोई जवाब नहीं दिया गया है।