नई दिल्ली: एक बुजुर्ग महिला के खाते में करीब 10 लाख रुपये आ गए थे लेकिन जब वह इसे निकलवाने के लिए बैंक गई तो उसे गहरा धक्का लगा. बैंक के कर्मचारियों ने रकम निकालने से इनकार कर दिया. इतना ही नहीं, बैंक कर्मचारियों ने यह तक कह दिया कि महिला का चेक फर्जी है और उसने धोखाधड़ी की है. इस बात से आहत होकर महिला ने बैंक के खिलाफ मुकदमा दायर कर दिया.
70 साल की इस महिला का नाम लिजी पुघ (Lizzie Pugh) है. वह अमेरिका के मिशीगन की रहने वाली हैं. लिजी ने बीते 9 अप्रैल को एक जैकपॉट जीता था, जिसमें उन्हें 9 लाख 55 हजार रुपये इनाम में मिले थे. लेकिन जब वह चेक लेकर पैसे निकालने बैंक गईं तो उन्हें वहां से 'फ्रॉड' बताकर लौटा दिया गया.
CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, लिजी ने बैंक से पैसे निकालने की कोशिश की लेकिन उनके चेक को फर्जी बताकर बैंककर्मियों ने उन्हें वापस भेज दिया. बैंक ने उनका चेक भी वापस देने से इनकार कर दिया. लिजी ने जब विरोध किया तो कर्मचारियों ने उन्हें पुलिस बुला लेने की धमकी दी. इस बात से खफा होकर लिजी ने बैंक पर केस कर दिया.
इस केस की सुनवाई अभी चल रही है. इसी हफ्ते Fifth Third Bank ने अपनी प्रतिक्रिया कोर्ट में दायर की है. बैंक ने महिला के आरोप से इनकार किया है. बैंक का कहना है कि वह अपने कर्मचारियों के साथ खड़ा है.
बैंक की ओर से यह भी कहा गया है कि वह निष्पक्ष और जिम्मेदार बैंकिंग के लिए प्रतिबद्ध है और किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं करता है. बैंक के एक प्रवक्ता ने कहा कि हमारे कर्मचारियों को प्रत्येक ग्राहक को उनकी बैंकिंग जरूरतों के साथ मदद करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है, और हमारे कर्मचारी प्रक्रियाओं का पालन करते हैं. हमारे बैंककर्मियों के कार्यों की गलत व्याख्या की गई है. फिर भी हमें खेद है कि लिजी को असुविधा हुई. संभावित धोखाधड़ी को रोकने के लिए बैंक का चेक की जांच-पड़ताल करना जरूरी था.
वहीं, लिजी की ओर से आरोप लगाया कि उसे अश्वेत होने के कारण भेदभाव का सामना करना पड़ा. उस वक्त बैंक से पैसे ना निकाल पाने के कारण उन्हें तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ा. लिजी ने यह भी कहा कि अगर ने चेक लौटा दी होती तो वह दूसरी जगह से पैसे निकाल लेती.