नई दिल्ली: ईरान में शनिवार देर रात करीब 1.32 बजे भूकंप के तेज झटके लगे हैं. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.1 मापी गई है. बताया जा रहा है कि भूकंप के बाद करीब तीन लोगों की मौत हो गई है. भूकंप के झटके यूएई में भी महसूस किए गए हैं.
ईरान के खाड़ी तट पर होर्मोजगन प्रांत में इमरजेंसी मैनेजमेंट के चीफ महरदाद हसनजादेह ने बताया कि भूकंप से अब तक हम तीन लोगों की मौत हो चुकी है और आठ घायल हो गए हैं.
ईरानी मीडिया ने भूकंप की तीव्रता 6.1 बताई, जबकि यूरोपीय भूमध्यसागरीय भूकंप केंद्र (EMSC) ने कहा कि इसकी तीव्रता 6.0 थी. EMSC ने कहा कि भूकंप 10 किमी (6.21 मील) की गहराई पर था. एक भू-वैज्ञानिक ने बताया कि भ्रंश रेखाएं ईरान को पार करती हैं, जिससे हाल के वर्षों में कई विनाशकारी भूकंपों का सामना करना पड़ा है. उन्होंने बताया कि संयुक्त अरब अमीरात के विभिन्न हिस्सों के निवासियों ने भी झटके महसूस किए हैं.
राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (NCM) के अनुसार, भूकंप दक्षिणी ईरान में देर रात करीब 1.32 बजे 10 किमी की गहराई में दर्ज किया गया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भूकंप के झटके यूएई में महसूस किए गए लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ.
बता दें कि 22 जून को अफगानिस्तान में भूकंप ने भयंकर तबाही मचाई थी. भूकंप में करीब 1000 से अधिक लोगों की मौत हुई थी जबकि 1500 से ज्यादा लोग जख्मी थे. भूकंप के ये झटके पाकिस्तान में भी महसूस किये गए थे. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.1 मापी गई थी.
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के मुताबिक, भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान (Afghanistan Quake) के दक्षिणपूर्व में था. ये भूकंप पक्तिका (Paktika) और खोस्त (Khost) प्रांत में आया था.
भूकंप आने के पीछे क्या वजह होती है यह भी जान लीजिए. दरअसल, धरती के अंदर 7 प्लेट्स ऐसी होती हैं जो लगातार घूमती हैं. ये प्लेट्स जिन जगहों पर ज्यादा टकराती हैं, उसे फॉल्ट लाइन जोन कहा जाता है. बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं. जब प्रेशर ज्यादा बनने लगता है कि तो प्लेट्स टूटने लगती हैं. इनके टूटने के कारण अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है. इसी डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है.