दुनिया में पहले महिलाओं को नहीं था वोट करने का हक, जानें अब कब और कहां मिला ये अधिकार, ये है पूरी लिस्ट

महिलाओं को वोट करने का अधिकार

Update: 2021-03-16 10:18 GMT

देश के पांच राज्यों में चुनाव होने वाले हैं. वहीं यूपी और बिहार में पंचायत इलेक्शन का शोर है. ऐसे में तमाम महिलाएं और पुरुष तो अपने वोट का इस्तेमाल करेंगे ही इसके साथ ही पहली बार वोटिंग का अधिकार पाने वाले लोग भी अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. ऐसे में हम आपको दुनिया के उन देशों के बारे में बता रहे हैं, जहां महिलाओं को वोटिंग का अधिकार दिया गया. न्यूजीलैंड ऐसा पहला देश है, जहां महिलाओं को वोट करने का अधिकार सबसे पहले दिया गया था. एक समय में महिलाओं ने वोट के अधिकार के लिए Women's suffrage movement भी चलाया गया था, तो बात सीधी है कि महिलाओं को काफी संघर्ष करने के बाद वोट करने का अधिकार दिया गया.

इन देशों ने इस साल दिया महिलाओं को वोट करने का अधिकार
न्यूजीलैंड – ये दुनिया का पहला ऐसा देश है जहां महिलाओं को वोट करने का अधिकार 1893 में मिला.
ऑस्ट्रेलिया – सन् 1894 में न केवल दक्षिण ऑस्ट्रेलिया में रह रही महिलाओं को वोट करने का अधिकार दिया गया, बल्कि पार्लियामेंट्री चुनावों में भी खड़े होने का अधिकार दिया गया. सन् 1899 में पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया की महिलाओं को वोट का अधिकार दिया गया. 1902 में Commonwealth Franchise Act में ऑस्ट्रलिया हर White Women को वोट करने का अधिकार दिया गया. साथ ही Australian Federal Parliament में चुनाव लड़ने का अधिकार भी दिया गया. इसके अलावा Aboriginal महिलाओं और पुरुषों को 1962 तक भी वोट करने के अधिकार से वंचित रहना पड़ा.
उत्तरी यूरोप : यूरोप में पहली बार फिनलैंड ने महिलाओं को वोट देने का अधिकार दिया. इसके अलावा रूसी साम्राज्य के स्वायत्त हिस्से की महिलाओं ने 1907 में संसद के सदस्य चुने जाने का अधिकार हासिल किया. नॉर्वे में महिलाओं को 1913में, डेनमार्क में 1915, और उत्तरी देशों में स्वीडन को 1919 से 1921 के बीच मताधिकार दिया गया है.

अज़रबैजान : पूर्वी देशों में ये एक ऐसा देश है जहां सबसे पहले महिलाओं को वोट करने का अधिकार दिया गया था. इसके अलावा ये पहला मुस्लिम बहुसंख्यक देश भी है जहां 1918 में वोट देने के अधिकार को वैश्विक तौर पर पेश किया गया.

यूरोप : पहले विश्व युद्ध के अंत में महिलाओं को यूरोप के कई देश में वोट देने का अधिकार मिला. जैसे जर्मनी, पोलैंड, ऑस्ट्रिया, और रूस को 1918 में महिलाओं को वोट करने का अधिकार दिया गया. नीदरलैंड को 1919 में और स्पेनिश महिलाओं को 1931 में वोट करने का अधिकार दिया गया.

यूरोप में दूसरे विश्व युद्ध के बाद भी कई देशों में महिलाओं को वोट का अधिकार नहीं मिला. बता दें कि 1944 में फ्रेंच महिलाओं का वोट करने का अधिकार दिया गया, वहीं 1945 में इटली में महिलाएं मताधिकार पाने में कामयाब रहीं.

यूरोप के ऐसे बहुत से देश हैं जैसे स्विट्जरलैंड को 1971 में और पुर्तगाल में 1976 तक भी महिलाओं को वोट करने का अधिकार नहीं मिला. यूरोप में महिलाओं को 1984 में वोट अधिकार देने वाला लिकटेंस्टीन आखिरी का देश रहा है.

कनाडा : भारतीय महिलाओं को छोड़कर बाकी कैनेडियन महिलाओं को वोटिंग का अधिकार 1917 में मिला, बाकियों को ये सुविधा 1960 तक नहीं मिली थी.
यूनाइटेड स्टेट्स- स्थानीय और राज्य स्तर पर महिलाओं को वोट करने का अधिकार 19वीं सदी के अंत तक मिला. 1920 में संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान में उन्नीसवें संशोधन हर व्यक्ति और बिना सभी नागरिकों के वोट के अधिकार को अमेरिका या किसी भी राज्य की ओर से सेक्स के आधार पर अस्वीकार नहीं किया जा सकता है.

मैक्सिको, पाकिस्तान, जापान और अर्जेंटीना में महिलाओं को वोट करने का अधिकार 1947 में दिया गया, जिसके 2 साल बाद चीन ने 1949 में महिलाओं को वोट करने का अधिकार दिया.

भारत – साल 1950 में भारत में महिलाओं को वोट करने का अधिकार दिया.

कुछ देशों में बीते कुछ सालों में ही महिलाओं को वोट करने का अधिकार दिया, जैसे 1994 में अफ्रीका (black women), कुवैत में 2005, यूएई में 2006 में वोट करने का अधिकार मिला, जबकि साऊथ अरेबिया को 2015 तक भी ये सुविधा नहीं दी गई थी. 2015 में जाकर इस देश में महिलाओं को वोट करने का अधिकार मिला है.


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