ड्रैगन ने पहली बार अपनी एयरक्राफ्ट कैरियर किलर मिसाइल का वीडियो जारी, जानें- इसकी मारक क्षमता
चीन और अमेरिका के बढ़ते तनाव के बीच ड्रैगन ने पहली बार अपनी एयरक्राफ्ट कैरियर किलर मिसाइल का वीडियो जारी किया है। खास बात यह है कि चीन ने अपनी एयरक्राफ्ट किलर मिसाइल को तब पेश किया है, जब सीनेट अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा को लेकर दोनों देशों के बीच युद्ध की स्थिति बनी हुई है। चीन ने पहली बार अपने एयरक्राफ्ट कैरियर किलर मिसाइल DF-17 का फुटेज जारी किया है। इस फुटेज में DF-17 मिसाइल लांच होती नजर आ रही है। चीन का दावा है कि इस एयरक्राफ्ट किलर हाइपरसोनिक मिसाइल को रोक पाना असंभव है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि आखिर चीन ने इस मौके पर इस एयरक्राफ्ट किलर मिसाइल का क्यों प्रदर्शन किया। क्या उसका मकसद अमेरिका को ताइवान और नैंसी पेलोसी के मामले को लेकर बाइडन प्रशासन पर दबाव बनाना है।
1- चीन का दावा है कि इस DF-17 मिसाइल को किसी भी समय और किसी भी स्थान से दागा जा सकता है। चीन का दावा है कि इस मिसाइल की गति इतनी तीव्र है कि दुश्मन की सेना इसकी सही लोकेशन का अंदाजा नहीं लगा सकती है। यह मिसाइल लगभग मैक 5 की स्पीड से उड़ान भरने में सक्षम है। ग्लोबल टाइम्स ने दावा किया कि इसकी स्पीड और अप्रत्याशित रास्ते के कारण दुश्मनों के एयर डिफेंस सिस्टम के लिए इसे रोकना लगभग असंभव है।
2- यह दावा किया जा रहा है कि DL-17 का काट अमेरिका के पास भी नहीं है। DF-17 मिसाइल 2500 किलोमीटर दूर तक हाइपरसोनिक स्पीड से हमला करने में सक्षम है। अमेरिका के एक शीर्ष जनरल स्वीकार कर चुके हैं कि चीन की DF-17 को रोकने के लिए उसके पास कोई प्रभावशाली एयर डिफेंस सिस्टम नहीं है। यह मिसाइल 15000 किलोग्राम वजनी और 11 मीटर लंबी है, जो पारंपरिक विस्फोटकों के अलावा न्यूक्लियर वॉरहेड को भी लेकर जा सकती है। सरल भाषा में कहें तो यह मिसाइल परमाणु हमला करने में भी सक्षम है।
3- हालांकि, चीन ने अपनी इस खास मिसाइल को पहली बार बीजिंग में आयोजित 1 अक्टूबर, 2019 को राष्ट्रीय दिवस सैन्य परेड में प्रदर्शित किया था, लेकिन इस मिसाइल का वीडियो अब जारी किया गया है। ग्लोबल टाइम्स ने सैन्य पर्यवेक्षकों के हवाले से बताया कि यह पहली बार है, जब चीन ने अपने डीएफ-17 मिसाइल के लाइव फायर ड्रिल का वीडियो जारी किया है। इस वीडियो में एक रेगिस्तान में इस मिसाइल को लांच किया गया है। वीडियो से यह बात सिद्ध होती है कि इसके लिए किसी प्रकार की तैयारी की जरूरत नहीं है।
4- चीन के इस मिसाइल की रेंज में दक्षिण चीन सागर, ताइवान जलडमरूमध्य और पूर्वोत्तर एशिया के कई देश शामिल हैं। जाहिर है कि इस मिसाइल के जरिए चीन यह स्थापित करना चाह रहा है कि दक्षिण चीन सागर व ताइवान पर अमेरिका और उसके अन्य सहयोगी देशों से निपटने में यह मिसाइल पूरी तरह से सक्षम है। चीनी एक्सपर्ट्स ने एयरक्राफ्ट कैरियर का जिक्र करते हुए कहा कि स्थिर लक्ष्यों के अलावा, डीएफ-17 भी धीरे-धीरे आगे बढ़ने वाले लक्ष्यों को हिट कर सकता है। चीन के मिसाइल विशेषज्ञ यांग चेंगजुन ने ग्लोबल टाइम्स को बताया कि DF-17 चीन की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
चीन और अमेरिका में युद्ध जैसी स्थिति
ताइवान को लेकर चीन और अमेरिका में युद्ध जैसी स्थिति बन गई है। चीन की तमाम धमकी के बावजूद अमेरिकी सेना ने देश की सीनेट अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के लिए तैयारी तेज कर दी है। अमेरिका अपने महाविनाशक एयरक्राफ्ट कैरियर को ताइवान की सीमा के पास तैनात किया है। हालांकि, नैंसी पेलोसी की यात्रा की अभी अमेरिका की ओर से आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की फोन वार्ता के बाद भी इस समस्या का कूटनीतिक समाधान नहीं निकल सका। अब यह माना जा रहा है कि या तो चीन को पीछे हटना होगा नहीं तो ताइवान के मामले में चीन और ताइवन में टकराव तेज हो सकता है। आइए जानते हैं कि इस पर विशेषज्ञों की क्या राय है।