कुत्तों को जबरन कराया जा रहा नशा, वजह है चौंकाने वाली
उस वक्त मुजतबा ने कहा था कि नशे की लत कुत्तों को गंभीर रूप से बीमार कर रही है.
अफगानिस्तान (Afghanistan) की राजधानी काबुल (Kabul) में लोग सड़कों पर घूमने वाले आवारा कुत्तों को नशे का आदी बना रहे हैं (Afghan Men Giving Drugs to Street Dogs). वो उन्हें जबरन नशा कराते हैं, ताकि वो हमेशा उनके पास रहें. यहां गौर करने वाली बात ये है कि तालिबान (Taliban) ने नशीली दवाओं के उत्पादन पर प्रतिबंध लगाया है, इसके बावजूद धड़ल्ले से इनका इस्तेमाल किया जा रहा है. खासकर दक्षिण-पश्चिम काबुल में कुत्तों (Dogs) को नशा कराने के मामले सबसे ज्यादा देख जा सकते हैं.
बोतल लगाकर कराते हैं नशा
'डेली मेल' की रिपोर्ट के अनुसार, काबुल (Kabul) के लोग इसलिए कुत्तों (Dogs) को नशा करा रहे हैं, ताकि वो यहां-वहां घूमने के बजाये सर्दी में उनके पास बैठकर उन्हें गर्माहट दे सकें. अहमद नाम का शख्स पिछले कई सालों से हेरोइन (Heroin) का सेवन करता आ रहा है. वो भीख मांगकर या छोटे-मोटे काम करके नशे के लिए पैसे जुटाता है. अहमद के पास दोनों सिरों से कटी हुई एक बोतल रहती है, जिसका इस्तेमाल वो कुत्तों का नशा कराने के लिए करता है.
बेजुबानों की बिगड़ रही सेहत
अहमद बोतल का एक सिरा कुत्ते की नाक पर फंसा देता है, फिर दूसरी तरफ से ड्रग्स जलाता है, ताकि उसका धुआं सीधे कुत्ते की नाक में जाए. धुआं शरीर में पहुंचने के कुछ ही देर में कुत्ता बेसुध हो जाता है और वहीं बैठा रहता है. अकेले अहमद ही नहीं, यहां रहने वाले अधिकांश लोग सर्दी में गर्माहट पाने के लिए यही तरीका अपना रहे हैं. हालांकि, इसका बेजुबानों की सेहत पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है.
Taliban का भी नहीं खौफ
एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि ड्रग्स कुत्तों में भी इंसानों की तरह काम करती है. उन्हें भी इसकी लत लग जाती है, इसलिए वो भले ही कहीं भी चले जाएं कुछ देर बाद वापस लौट जाते हैं. क्योंकि उन्हें पता होता है कि उनकी तलब पूरी करने का सामान हमारे पास ही मौजूद है. गौरतलब है कि अगस्त में सत्ता में आने के बाद तालिबान ने ऐलान किया था कि सभी तरह की नशीली दवाओं के इस्तेमाल पर प्रतिबंध रहेगा और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. लेकिन लगता नहीं कि स्थानीय लोगों में इसका कोई डर है.
Kabul में सस्ती मिलती है हेरोइन
काबुल में हेरोइन सस्ती मिलती है, इसलिए भिखारी भी इसका इस्तेमाल करते हैं. अफगानिस्तान में सर्दी भी कड़ाके की पड़ती है. राजधानी काबुल का पारा माइनस 4 से 13 डिग्री तक चला जाता है. 2012 में तो यहां पारा माइनस 16 पहुंच गया था. जनवरी में सर्दी काफी बढ़ जाती है और बर्फ़बारी भी अक्सर होती रहती है. इसलिए बेघर लोग कुत्तों को नशीली दवाएं देकर उन्हें इसका आदी बना रहे हैं, ताकि वो सर्दी में उनके पास रहकर उन्हें गर्माहट प्रदान करें.
वायरल हुआ था वीडियो
कुछ साल पहले एक स्ट्रीट डॉग का वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वो बार-बार दीवार से सिर टकरा रहा था. वीडियो देखने के बाद पशु चिकित्सक डॉ. मुजतबा रेजाई अपनी टीम के साथ पुल-ए-सोखता ब्रिज पर गई थीं और नेशा नामक उस कुत्ते को रेस्क्यू किया था. डॉ. मुजतबा को बताया गया था कि जब तक नेशा को ड्रग्स की तीन डोज नहीं मिल जातीं, तो बीमार रहता है. उस वक्त मुजतबा ने कहा था कि नशे की लत कुत्तों को गंभीर रूप से बीमार कर रही है.