तबाही: तालिबान ने कंधार पर कब्जा जमाने का किया दावा, काबुल के बेहद करीब पहुंचा

तालिबान तेजी से अफगानिस्तान के प्रमुख शहरों पर कब्जा जमाता जा रहा है।

Update: 2021-08-13 01:19 GMT

तालिबान तेजी से अफगानिस्तान के प्रमुख शहरों पर कब्जा जमाता जा रहा है। अब उसके कंधार पर भी कब्जा जमाने की खबरें आ रही हैं। रायटर्स के हवाले से खबर आई है कि तालिबान ने कंधार पर कब्जा जमाने का दावा किया है। इसके अलावा तालिबान अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के भी बेहद करीब पहुंच गया है।

तालिबान ने बृहस्पतिवार को रणनीतिक रूप से बेहद अहम 10वीं प्रांतीय राजधानी गजनी पर भी कब्जा कर लिया था। इस बीच, हेलमंद प्रांत की राजधानी लश्करगाह में उसने पुलिस मुख्यालय पर भी कब्जा जमा लिया है। जबकि छह शहरों से तालिबान ने 1,000 से ज्यादा अपराधियों और नशीली दवाओं के तस्करों को छुड़ा लिया है।

अफगानिस्तान के एक सांसद, दो अफगान अफसरों ने पुष्टि की है कि तालिबान आतंकियों ने प्रांतीय राजधानी गजनी पर कब्जा कर लिया है। पिछले कई घंटों से यहां भीषण लड़ाई चल रही थी। राजधानी के बाहरी क्षेत्र में अब भी संघर्ष जारी है लेकिन राजधानी में तालिबान अपना झंडा लहरा दिया है। उधर, हेलमंद प्रांत में की राजधानी लश्करगाह में कार बम से हमला कर तालिबान ने पुलिस मुख्यालय पर भी कब्जा जमा लिया है। हेलमंद की सांसद नसीमा नियाजी ने बताया कि मुख्यालय की इमारत पर कब्जे के बाद कुछ पुलिस अफसरों ने तालिबान के आगे आत्मसमर्पण कर दिया है। उधर, तालिबान के कब्जाए छह अफगानिस्तानी शहरों से उसने 1,000 से ज्यादा कैदी छुड़ा लिए हैं। जेल प्रशासन के निदेशक सफीउल्लाह जलालजई ने कहा, इनमें से ज्यादातर को नशीली दवाओं की तस्करी, अपहरण और सशस्त्र डकैती के लिए सजा सुनाई गई थी।

छुड़ाए गए कैदियों में कई तालिबान आतंकी थे

तालिबान ने जिन छह शहरों की जेलों में नशीली दवाओं की तस्करी, सशस्त्र डकैती और अपहरण के दोषियों को तालिबान ने छुड़ाया है उनमें कई तालिबान आतंकी भी थे। कुंदुज में रिहा कराए गए 630 कैदियों में 180 तालिबान आतंकी थे। इनमें से 15 को अफगान सरकार ने मौत की सजा सुनाई थी। निमरोज प्रांत के जरांज शहर से छुड़ाए गए 350 कैदियों में से 40 तालिबान आतंकी थे। हालांकि अफगान सरकार ने कहा है कि आतंकियों को पकड़ने के बाद जेल से छुड़ाए गए सभी कैदी दोबारा पकड़े जाएंगे।

हताहतों की जानकारी नहीं

हेलमंद प्रांत की राजधानी लश्करगाह के पुलिस मुख्यालय पर कब्जे के बाद यहां मौजूद अफगान बलों ने तालिबान के आगे समर्पण कर दिया और पास स्थित अन्य गवर्नर के दफ्तर में चले गए। यहां अब भी सरकारी बलों का नियंत्रण है। सांसद नसीमा नियाजी ने बताया कि अभी यह जानकारी नहीं मिली है कि इस हमले में कितने लोग हताहत हुए हैं। उन्हें इस हमले में कई लोगों के हताहत होने की आशंका है।

इमरान का दर्द : अमेरिका की पसंद है भारत

पाक पीएम इमरान खान ने अपने घर पर विदेशी पत्रकारों से बात करते हुए अपना दर्द बयां किया। उन्होंने अमेरिका पर कटाक्ष करते हुए कहा, वाशिंगटन पाकिस्तान को 20 साल तक अफगानिस्तान में छेड़े गए युद्ध में इस्तेमाल करने के रूप में देखता है और जब रणनीतिक साझेदारी की बात आती है तो वह भारत को पसंद करता है। उन्होंने कहा, अमेरिका ने पाक को सिर्फ अफगानिस्तान में फैली गंदगी को साफ करने के लिए फायदेमंद समझता है। खान ने कहा, मैं समझता हूं कि अमेरिकियों ने फैसला कर लिया है कि उनका रणनीतिक साथी अब भारत है और इसी वजह से वे पाक के साथ अलग बर्ताव कर रहे हैं।

गनी के राष्ट्रपति रहते समझौता नहीं करेगा तालिबान

अफगानिस्तान में जारी संघर्ष के बीच पाक पीएम इमरान खान ने कहा है कि जब तक अशरफ गनी देश के राष्ट्रपति रहेंगे तब तक आतंकी गुट अफगानिस्तान सरकार से बात नहीं करेगा। उन्होंने अपने मन की बात रखते हुए कहा कि मौजूदा हालात में राजनीतिक समझौता मुश्किल दिख रहा है। उन्होंने कहा, मैंने तालिबान को मनाने की कोशिश की थी लेकिन उन्होंने कहा कि गनी के होते हम बात नहीं कर सकते।

गनी ने की नए चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ की नियुक्ति

अफगानिस्तान में तालिबान के तेजी से बढ़ते कदमों पर अंकुश लगाने के लिए राष्ट्रपति अशरफ गनी ने नए चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ के रूप में हैबतुल्लाह अलीजई की नियुक्ति की है। गनी ने यह नियुक्ति वली मोहम्मद अहमदजई की जगह की है। अफगानिस्तान टाइम्स ने बताया कि अलीजई ने इससे पहले अफगान नेशनल आर्मी कमांडो के कमांडर के रूप में काम किया है।

अफगान नेतृत्व तय करे उसमें लड़ने की इच्छाशक्ति है या नहीं : व्हाइट हाउस

वाशिंगटन। तालिबान द्वारा अफगानिस्तान के ज्यादातर हिस्सों को अपने कब्जे में लेने के बीच व्हाइट हाउस ने कहा कि यह अफगान नेतृत्व को तय करना है कि क्या उनके पास जवाबी कार्रवाई की राजनीतिक इच्छाशक्ति है या नहीं। प्रवक्ता जेन साकी ने कहा, अमेरिका ने दो दशकों तक अफगानिस्तान की राष्ट्रीय सेना को प्रशिक्षण दिया है और उनके पास तालिबान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की क्षमता व हथियार हैं। उन्होंने कहा, अमेरिका युद्धग्रस्त देश में बिगड़े सुरक्षा हालात पर करीबी नजर रख रहा है। उन्होंने कहा, हम अफगान बलों के साथ हवाई हमले करते रहेंगे।

इस साल करीब चार लाख लोग विस्थापित हुए : संयुक्त राष्ट्र

अफगानिस्तान में बिगड़ते सुरक्षा हालात के बीच इस साल की शुरुआत से करीब चार लाख लोग विस्थापित हुए हैं, खासकर मई में बड़ी संख्या में लोग विस्थापन के लिए मजबूर हुए हैं। यह जानकारी संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरस के प्रवक्ता ने दी है। प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा, इस साल की शुरुआत से करीब 3,90,000 लोग देश में संघर्ष के कारण विस्थापित हुए हैं जिनकी संख्या मई में एकाएक बढ़ी है। एक जुलाई से पांच अगस्त, 2021 के बीच मानवीय समुदाय ने सत्यापित किया है कि आंतरिक रूप से विस्थापित 5,800 लोग काबुल पहुंचे जो संघर्ष एवं अन्य खतरों से बचाने की गुहार लगा रहे हैं।


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