तनाव के बावजूद भारत-चीन के बीच बढ़ा व्यापार, 62 फीसद अधिक बढ़ा कारोबार

वेंटिलेटर, ऑक्सीमीटर और मेडिकल उपकरणों का जमकर निर्यात किया।

Update: 2021-07-14 05:33 GMT

सीमा पर तनाव के चलते द्विपक्षीय रिश्तों में खटास के बावजूद भारत-चीन के आपसी कारोबार में तेज उछाल आया है। चीन द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार चालू कैलेंडर वर्ष की पहली छमाही (जनवरी-जून, 2021) में द्विपक्षीय कारोबार पिछले वर्ष समान अवधि के मुकाबले 62.7 फीसद बढ़कर 57.48 अरब डॉलर पर पहुंच गया।

हाल के वर्षो का यह सर्वाधिक छमाही आंकड़ा है। हालांकि इस दौरान पिछले वर्ष समान अवधि के मुकाबले चीन को भारत का निर्यात 69.6 फीसद बढ़ा। लेकिन भारत की चिंता का मुख्य विषय कारोबारी घाटा (निर्यात के मुकाबले आयात अधिक होना) है, जो समीक्षाधीन अवधि में 55.6 फीसद पर पहुंच गया है।

आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन अवधि में चीन को भारत का निर्यात बढ़कर 14.724 अरब डॉलर पर पहुंचा। लेकिन इसी अवधि में चीन से उसका आयात 60.4 फीसद उछाल के साथ 42.755 अरब डॉलर हो गया। आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन छमाही में चीन का सकल कारोबार करीब 2.79 लाख करोड़ डॉलर पर पहुंच गया।
भारत-चीन का यह कारोबार इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछले वर्ष मई से ही दोनों के बीच लद्दाख सीमा पर तनातनी चल रही है। यह भी दिलचस्प है कि कोरोना की दूसरी लहर में चीन का निर्यात खासा बढ़ गया। इसकी वजह यह थी कि उसने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, वेंटिलेटर, ऑक्सीमीटर और मेडिकल उपकरणों का जमकर निर्यात किया।


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