डिमेंशिया के मामले वर्ष 2050 तक हो सकते हैं तीन गुना
विज्ञानियों ने एक हालिया अध्ययन के आधार पर अनुमान लगाया है कि
वाशिंगटन, एएनआइ। विज्ञानियों ने एक हालिया अध्ययन के आधार पर अनुमान लगाया है कि वैश्विक स्तर पर 40 साल या उससे ज्यादा उम्र के डिमेंशिया पीड़ितों की संख्या वर्ष 2050 तक तीन गुना हो जाएगी। दिमागी अवस्था से जुड़ी इस बीमारी से पीड़ितों की संख्या वर्ष 2019 में दुनियाभर में 5.7 करोड़ थी, जो वर्ष 2050 में 15.3 करोड़ हो सकती है।
'द लांसेट पब्लिक हेल्थ' नामक पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन में डिमेंशिया के चार जोखिम कारकों (धूमपान, मोटापा, उच्च मधुमेह व कम शिक्षा) पर भी गौर किया गया और उनके परिणामों की आशंका को भी रेखांकित किया गया।
उदाहरण के लिए, वैश्विक स्तर पर अगर शिक्षा में सुधार होता है तो वर्ष 2050 तक डिमेंशिया के मामलों में 62 लाख की कमी आ सकती है। लेकिन, मोटापा, उच्च मधुमेह व धूमपान जैसे पहलू इसमें खलल पैदा करते हुए दुनियाभर में 68 लाख नए डिमेंशिया मरीजों के लिए जिम्मेदार साबित हो सकते हैं।
शोधकर्ताओं ने डिमेंशिया के खतरे को कम करने के लिए तत्काल स्थानीय स्तर पर उपाय किए जाने पर बल दिया है। अमेरिका स्थित वाशिंगटन विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट फार हेल्थ मैट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन से जुड़े अध्ययन की प्रमुख लेखिका एम्मा निकोलस ने कहा, 'हमारा अध्ययन वैश्विक के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर पर डिमेंशिया के लिए उन्नत पूर्वानुमान प्रदान करता है।'