पुलिस गोलीबारी में 17 वर्षीय एक किशोर की हत्या को लेकर भारी पुलिस तैनाती के बावजूद फ्रांस के आसपास के शहरों में शुक्रवार को दंगे भड़के। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने अवरोधक लगाकर सड़कों को ब्लॉक कर दिया, जमकर आगजनी की और झड़पे भी हुई हैं। दंगों को रोकने के लिए सरकार द्वारा कदम उठाए जा रहे हैं। हालांकि, वह नाकाफी लग रहे। स्थिति संवेदनशील बनी हुई है। यही कारण है कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की आलोचना पुलिस और जनता दोनों कर रहे हैं।
चर्चा में योगी आदित्यनाथ
फ्रांस हालात को काबू में करने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मांग उठ रही है। लगातार फ्रांस की स्थिति पर ट्वीट करने वाले जर्मनी के डॉक्टर और प्रोफेसर एन जॉन कैम का एक ट्वीट फिलहाल चर्चा के केंद्र में है। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि भारत को वहां दंगे की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए योगी आदित्यनाथ को फ्रांस भेजना चाहिए और हे भगवान, वह 24 घंटे के भीतर ऐसा करेंगे। इसके बाद योगी आदित्यनाथ के कार्यालय ने इसका जवाब दिया है। ट्वीट में लिखा गया कि जब भी विश्व के किसी भी हिस्से में उग्रवाद दंगे भड़काता है, अराजकता फैलती है और कानून एवं व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न होती है, तो दुनिया सांत्वना तलाशती है और उत्तर प्रदेश में महाराज जी द्वारा स्थापित कानून एवं व्यवस्था के परिवर्तनकारी "योगी मॉडल" के लिए तरसती है।
भाजपा ने क्या कहा
इसके तुरंत बाद, उत्तर प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने एक वीडियो डाला, जिसमें कहा गया, “एक समय था जब उत्तर प्रदेश के हर जिले में कर्फ्यू होता था, हर जगह दंगे होते थे। लेकिन जब से योगी आदित्यनाथ सत्ता में आए हैं और सरकार ने दंगाइयों पर नकेल कसी है, उनके घरों पर बुलडोजर चलवाया है, तब से यूपी में दंगे पूरी तरह से बंद हो गए हैं। इसकी गूंज न सिर्फ भारत भर में सुनाई दे रही है, बल्कि दुनिया भर में पहुंच रही है और इसीलिए फ्रांस जैसे देश में भी दंगों पर काबू पाने के लिए योगी मॉडल की सराहना की जा रही है और ऐसी ही अपेक्षा भी की जा रही है। यह उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर एक वैश्विक मुहर है।'' उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी फ्रांस दंगों पर टिप्पणी करते हुए कहा, 'दंगाइयों द्वारा 850 साल पुरानी लाइब्रेरी को जलाने की घटना ने भारत की सबसे पुरानी लाइब्रेरी, नालंदा की याद दिला दी, जिसे 1199 ईस्वी में तुर्क शासक बख्तियार खिलजी ने नष्ट कर दिया था।'
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1300 से ज्यादा लोग गिरफ्तार
फ्रांस के गृह मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि पुलिस की गोलीबारी में 17 वर्षीय एक किशोर की मौत के बाद चौथी रात व्यापक विरोध प्रदर्शन के दौरान देशभर में 1,311 लोगों को गिरफ्तार किया गया। सरकार ने हिंसा रोकने के लिए देश भर में 45,000 पुलिसकर्मियों की तैनाती की है। रातभर युवा प्रदर्शनकारियों की पुलिस से भिड़ंत हुई। विभिन्न जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने करीब 2,500 दुकानों में आग लगा दी और तोड़फोड़ की। नैनटेरे के उपनगर में पुलिस की गोलीबारी में मंगलवार को मारे गए किशोर नाहेल को दफनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई।