भारत में DCGI ने कोर्बेवैक्स वैक्सीन को दी आपात इस्तेमाल की मंजूरी

Update: 2022-02-22 08:01 GMT

देश में बनी तीसरी स्वदेशी कोरोना वैक्सीन कोर्बेवैक्स के भी इमरजेंसी यूज की मंजूरी मिल गई है। इस वैक्सीन को हैदराबाद की फार्मास्युटिकल कंपनी बायोलॉजिकल-ई लिमिटेड ने तैयार किया है। खास बात यह है कि ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने इस वैक्सीन की 12 से 18 साल तक की उम्र वाले बच्चों को लगाने की अनुमति दे दी है। इससे देश में 12 से 14 साल तक के बच्चों का वैक्सीनेशन भी जल्द ही शुरू होने की राह साफ हो गई है। फिलहाल देश में 15 से 18 साल तक की उम्र के बच्चों को भारत बायोटेक कंपनी की Covaxin लगाई जा रही है। कोर्बेवैक्स प्रोटीन सबयूनिट वैक्सीन है। यह प्रोटीन बेस्ड देश की पहली और देश में ही डेवलप की गई तीसरी कोरोना वैक्सीन है। प्रोटीन सबयूनिट वैक्सीन का मतलब है कि ये पूरे वायरस के बजाय उसके एक हिस्से का इस्तेमाल कर इम्यून रिस्पॉन्स जेनरेट करती है। कंपनी ने इस वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल के दौरान 80% तक कारगर रहने का दावा किया है। इस वैक्सीन में कोरोना वायरस के ही S प्रोटीन का इस्तेमाल होता है। जैसे ही वैक्सीन के जरिए ये S प्रोटीन बॉडी में एंटर करता है बॉडी का इम्यून सिस्टम एक्टिवेट हो जाता है। इस वैक्सीन को बायोलॉजिकल ई ने टेक्सस चिल्ड्रंस हॉस्पिटल के टीका विकास केंद्र के साथ मिलकर बनाया है। बायोलॉजिकल ई ने देशभर की 33 से ज्यादा साइट पर 3 हजार से ज्यादा लोगों पर वैक्सीन का ट्रायल किया है। ट्रायल के नतीजों में सामने आया है कि डेल्टा स्ट्रेन के खिलाफ सिम्पटमैटिक इंफेक्शन रोकने में वैक्सीन 80% से ज्यादा कारगर है। यह वैक्सीन दो डोज में आएगी और 2 से 8 डिग्री सेल्सियस रेफ्रिजिरेटेड तापमान पर स्टोर की जा सकेगी। 

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