नई दिल्ली: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन युद्ध में करीब 3 लाख रिजर्व सैनिकों को भेजने का ऐलान कर दिया है. पुतिन के इस फैसले का रूस में विरोध हो रहा है. एक ओर सीमा से सटे कई इलाकों के लोग विदेशों में जा रहे हैं और कई लोग गूगल पर अपने हाथ तोड़ने के आसान तरीके ढूंढ़ रहे हैं. हालांकि पुतिन का कहना है कि रूसी कब्जे वाले इलाकों में लोगों की सुरक्षा और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए रिजर्व सैनिकों को जुटाना जरूरी है.
रिजर्व सेना को तैनात करने का पुतिन का आदेश ऐसे समय पर आया है जब रूस यूक्रेन के चार हिस्सों को मिलाने की तैयारी में है. वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, लोग गूगल पर 'how to leave Russia' और 'how to break an arm at home' जैसे सवालों के जवाब सर्च कर रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, युद्ध से बचने के लिए कुछ रूसी आत्म-नुकसान का सहारा लेने की साच रहे हैं. ऐसा माना जा रहा है कि इस प्रकार सर्च करने वाले लोग मोर्चे पर भेजे जाने की आशंका को लेकर डरे हुए हैं और इससे बचने के उपाय खोज रहे हैं.
बता दें कि रूस का एक धड़ा शुरू से ही यूक्रेन पर हमले के पक्ष में नहीं है. वहीं, रूसी राष्ट्रपति के सैनिक जुटाने वाले एलान के बाद से बहुत से लोग देश से बाहर जा रहे हैं. कुछ लोग प्रदर्शन करने पर उतर आए हैं. बड़ी संख्या में लोगों ने वन वे फ्लाइट के टिकट बुक करा लिए हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूस में फ्लाइट्स फुल हो गई हैं.
ऐसी भी खबरें हैं कि रूसी राष्ट्रपति के सैनिक जुटाओ अभियान के खिलाफ प्रदर्शन में उतरे हजारों लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. ओवीडी-इन्फो मॉनिटरिंग ग्रुप के मुताबिक, 38 विभिन्न शहरों से 1,332 लोगों को हिरासत में लिया गया है. विरोध प्रदर्शन के दौरान 'कोई लामबंदी नहीं' जैसे नारे लगाए जा रहे हैं.
रूस यूक्रेन के डोनेत्स्क, लुहांस्क, खुरासान और ज़ापोरिज्जिया को अपना हिस्सा बनाने की कोशिश कर रहा है. पुतिन ने इन इलाकों में जनमत संग्रह कराने का आदेश दिया है. पुतिन ने कहा कि यूक्रेन के लुहांस्क पीपुल्स रिपब्लिक को मुक्त करा लिया गया और डोनेत्स्क पीपुल्स रिपब्लिक डीपीआर को भी आंशिक रूप से मुक्त करा लिया गया है. इसी बीच रूस के रक्षा मंत्री ने बताया कि देश में 3,00,000 रिजर्व सैनिकों को तैनात किया जाएगा.
व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि पश्चिमी देश रूस को तबाह और कमजोर करने की साजिश रच रहे हैं. इन देशों ने हद पार कर दी है. इतना ही नहीं पुतिन ने पश्चिमी देशों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर रूस की क्षेत्रीय अखंडता को खतरा पैदा हुआ, तो वे रूस के पास उपलब्ध सभी संसाधनों का इस्तेमाल करेंगे. पुतिन ने कहा कि इस चेतावनी को हल्के में लेने की भूल न की जाए.