भारत में क्यूबा के राजदूत ने यूक्रेन संकट को लेकर दिया बड़ा बयान

भारत में क्यूबा के राजदूत एलेजांद्रो साइमनकस मारिन (Alejandro Simonacus Marin) ने सोमवार को कहा कि यूक्रेन संकट को उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO) के विस्तार से पैदा हुए खतरे के नजरिए से देखे जाने की जरूरत है.

Update: 2022-04-12 01:28 GMT

भारत में क्यूबा के राजदूत एलेजांद्रो साइमनकस मारिन (Alejandro Simonacus Marin) ने सोमवार को कहा कि यूक्रेन संकट को उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO) के विस्तार से पैदा हुए खतरे के नजरिए से देखे जाने की जरूरत है.

क्यूबा के राजदूत का बयान

उन्होंने यहां प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि क्यूबा का रुख अंतरराष्ट्रीय कानून की रक्षा करने का रहा है. उन्होंने आगे कहा कि यूक्रेन संकट (Ukraine Crisis) को पूर्व में रूस की सीमाओं तक नाटो के विस्तार से उत्पन्न खतरे और चुनौतियों के संदर्भ में देखा जाना चाहिए.

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'बातचीत के जरिए चाहते हैं समाधान'

उन्होंने कहा, 'पिछले वर्षों पर नजर डाले बिना स्थिति का गहन आकलन करना मुश्किल है जब नाटो ने पूर्व में जाने का फैसला किया था. क्यूबा की स्थिति वही रही है. हम नाटो के विस्तार से उत्पन्न खतरे के प्रति आगाह कर रहे हैं.' मारिन ने कहा, 'हम युद्ध (War) के खिलाफ हैं और शांतिपूर्ण तरीके से बातचीत के जरिए समाधान चाहते हैं.'

रूस-यूक्रेन युद्ध का असर

रूस के यूक्रेन पर हमले (Ukraine-Russia War) का असर कहीं ना कहीं दुनिया के कई देशों पर पड़ रहा है. दुनिया के कई देशों में महंगाई बहुत बढ़ चुकी है. इस युद्ध ने जहां यूक्रेन को हर तरफ से चोट पहुंचाई है तो वहीं बहुत से देशों को अंदरूनी चोट भी पहुंचाई.


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