CRS रिपोर्ट: पाकिस्तान में हैं 12 खूंखार आतंकी संगठन, 5 का टारगेट भारत

सिपाह-ए-साहबा पाकिस्तान (एसएसपी) और लश्कर-ए-झांगवी (एलईजे) शामिल हैं.

Update: 2021-09-28 10:33 GMT

आतंकवाद पर अमेरिका की स्वतंत्र कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस (CRS) की रिपोर्ट में पाकिस्तान को लेकर बड़े खुलासे हुए हैं. रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में 12 खूंखार आतंकी संगठन हैं. इनमें लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे 5 आंतकी संगठनों के टारगेट पर भारत है. स्वतंत्र 'कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस' (सीआरएस) ने रिपोर्ट (CRS Report) में कहा कि अमेरिकी अधिकारियों ने पाकिस्तान की पहचान कई हथियारबंद और राज्येतर आतंकवादी संगठनों के पनाहगाह के तौर पर की है, जहां से वे अपनी आतंकी गतिविधियों को अंजाम देते हैं.

पिछले हफ्ते क्वाड शिखर सम्मेलन से पहले अमेरिकी कांग्रेस की द्विदलीय शोध शाखा द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान से संचालित हो रहे इन समूहों को मोटे तौर पर पांच श्रेणियों में बांटा जा सकता है. इनमें वैश्विक स्तर के आतंकी संगठन, अफगान केंद्रित, भारत और कश्मीर केंद्रित, घरेलू मामलों तक सीमित रहने वाले संगठन और पंथ केंद्रित (शियाओं के खिलाफ) आतंकी संगठन शामिल हैं. सीआरएस रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें से कुछ आतंकी संगठन 1980 के दशक से अस्तित्व में हैं.
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1980 के दशक में पाकिस्तान में हुआ था लश्कर का गठन
लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का गठन 1980 के दशक में पाकिस्तान में हुआ था और 2001 में इसे विदेश आतंकी संगठन (एफटीओ) के रूप में चिह्नित किया गया. सीआरएस ने कहा, 'एलईटी को भारत के मुंबई में 2008 के भीषण आतंकवादी हमले (2008 Terror Attack) के साथ कई अन्य हाई-प्रोफाइल हमलों के लिए जिम्मेदार माना जाता है.'
2000 में अस्तित्व में आया जैश-ए-मोहम्मद
रिपोर्ट के अनुसार जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) का गठन साल 2000 में आतंकवादी नेता मसूद अजहर ने किया था. 2001 में इसे भी एफटीओ (विदेशी आतंकी संगठन) के तौर पर चिह्नित किया गया. एलईटी के साथ जेईएम भी 2001 में भारतीय संसद पर हमले समेत कई अन्य हमलों के लिए जिम्मेदार है.
तालिबान को लड़ाके भेजता था एचयूजेआई
हरकत-उल जिहाद इस्लामी (एचयूजेआई) की स्थापना 1980 में अफगानिस्तान में सोवियत सेना से लड़ने के लिए हुई थी और 2010 में इसे भी एफटीओ के तौर पर चिह्नित किया गया. 1989 के बाद एचयूजेआई ने अपनी गतिविधियों को भारत केंद्रित कर दिया, साथ ही वह अफगान तालिबान को भी अपने लड़ाके भेजता था.
रिपोर्ट में कहा गया है, 'एचयूजेआई अज्ञात ताकत के साथ आज अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश और भारत में गतिविधियों को अंजाम दे रहा है और कश्मीर का पाकिस्तान में विलय चाहता है.'
हिज्बुल मुजाहिदीन पाकिस्तान में सबसे पुराना आतंकी संगठन
आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन (एचएम) का गठन 1989 में हुआ, जो कथित तौर पर पाकिस्तान की सबसे बड़ी इस्लामी पार्टी की आतंकवादी शाखा है और 2017 में इसे एफटीओ की सूची में डाला गया था. यह जम्मू कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल सबसे बड़ा और पुराना आतंकवादी संगठन है. सीआरएस के अनुसार पाकिस्तान से अपनी गतिविधियों को अंजाम देने वाले अन्य आतंकी संगठनों में अलकायदा (Al-Qaeda in Pakistan) भी शामिल है, जो मुख्यत: पूर्व संघीय प्रशासित कबायली इलाकों, कराची और अफगानिस्तान से गतिविधियां चलाता है.
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आतंकियों को जमीन के इस्तेमाल की मंजूरी
सीआरएस ने कहा है कि अमेरिकी विदेश विभाग की आतंकवाद पर रिपोर्ट 'कंट्री रिपोर्ट ऑन टेररिज्म 2019' के अनुसार 'पाकिस्तान कुछ निश्चित क्षेत्र विशेष को निशाना बनाने वाले आतंकवादी संगठनों के लिए पनाहगाह बना हुआ है और उसने अफगानिस्तान के साथ-साथ… भारत को निशाना बनाने वाले संगठनों को अपनी सरजमीं के इस्तेमाल की इजाजत दी है.' विभाग ने यह भी कहा कि आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने और जम्मू कश्मीर में 2019 के आतंकवादी हमले से पहले भारत केंद्रित कुछ आतंकवादी संगठनों पर 'लगाम' लगाने के लिए पाकिस्तान सरकार ने 'मामूली कदम' उठाए हैं.
पाकिस्तान के भीतर सक्रिय हैं ये संगठन
पाकिस्तान के भीतर सक्रिय अन्य आतंकवादी संगठनों में अलकायदा इन द इंडिया सबकॉन्टिनेंट (एक्यूआईएस), इस्लामिक स्टेट खुरासन प्रोविंस (आईएसकेपी या आई-के), अफगान तालिकान, हक्कानी नेटवर्क, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी), बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए), जुंदाल्ला (उर्फ जैश अल-अदल), सिपाह-ए-साहबा पाकिस्तान (एसएसपी) और लश्कर-ए-झांगवी (एलईजे) शामिल हैं. 
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